रुद्र सावर्णि मनु हिन्दू मान्यताओं तथा पौराणिक महाकाव्य महाभारत के उल्लेखानुसार चौदह मनुओं में से बारहवें मनु थे, जो देववान आदि के पिता थे। ऋतधामा इंद्र तथा हारित आदि देवता थे। तपोमूर्ति आदि सप्तऋषि थे तथा स्वधामाताम से विष्णु का अवतार इसी मन्वंतर में हुआ था[1]।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
पौराणिक कोश |लेखक: राणा प्रसाद शर्मा |प्रकाशक: ज्ञानमण्डल लिमिटेड, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 397-398 |
- ↑ भाग. 8.13.27-93
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