कटास पाकिस्तान के पंजाब, खेवड़ा से तेरह मील (लगभग 20.8 कि.मी.)दूर है।
- किंवदंती है कि कटास में पांडवों ने अपने अज्ञातवास में कुछ दिन निवास किया था।
- कटास एक अथाह कुंड है जो तीर्थ रूप में मान्य था।
- कहा जाता है गुरु गोरखनाथ ने भी कुछ दिन रहकर कटास में आराधना की थी।
- कटास का संस्कृत नाम कटाक्ष कहा जाता है।
- कटास के कुंड को पृथ्वी का नेत्र अथवा कटाक्ष माना जाता है।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ऐतिहासिक स्थानावली | पृष्ठ संख्या= 126| विजयेन्द्र कुमार माथुर | वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग | मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार
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