घाना
घाना 'गिनी की खाड़ी' पर स्थित पश्चिमी अफ़्रीका का एक प्रजातंत्र राज्य है। यहाँ के निवासी मुख्यत: नीग्रो जाति के लोग हैं। घाना का प्राचीन इतिहास अनुमानों पर आधारित है। कहा जाता है यहाँ के वर्तमान निवासी हजार वर्ष पूर्व बसे पश्चिमी सूडान के घाना प्रदेश से आए थे। किसी समय यहाँ पर 'दास प्रथा' काफ़ी प्रचलित थी। अंग्रेज़ों ने इस प्रथा को समाप्त किया। 1 जुलाई, 1960 को घाना गणराज्य घोषित हुआ था।
इतिहास
घाना का प्राचीन इतिहास अनुमानों पर आधारित है। कहा जाता है यहाँ के वर्तमान निवासी हजार वर्ष पूर्व बसे पश्चिमी सूडान के घाना प्रदेश से आए थे। इससे इस अफ़्रीकी प्रदेश का नाम भी स्वतंत्रता के बाद 'घाना' पड़ गया। 1471 में कुछ पुर्तग़ाली व्यापारी इसके समुद्र तटों पर आ बसे थे। इसके बाद सोने के व्यापार के उद्देश्य से क्रमश: डच, डेनी, स्वीडी, अंग्रेज़ आदि भी आए। धीरे-धीरे इस व्यापार ने 'दास व्यापार' का रूप लिया। 1808 में अंग्रेज़ों ने इसे अवैध घोषित किया। 19वीं शताब्दी में अंग्रेज़ों के अतिरिक्त प्राय: सभी यूरोपीय जातियों ने घाना छोड़ दिया। दास व्यापार की समस्या को लेकर 1806 से 1900 तक अशांटियों और अंग्रेज़ों के बीच कई युद्ध हुए। अंतत: अंग्रेज़ों ने 'दास प्रथा' को समाप्त किया और प्रदेश की बहुत-सी भूमि उनके संरक्षण में आ गई। 1922 में जर्मन उपनिवेश टोगोंलैंड भी राष्ट्रसंघ के विशेषादेश से ब्रिटिश ट्रस्ट के अधिकार में आ गया।[1]
राजनीतिक चेतना का उदय
द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद, विशेषत: 1946 से, घाना में तीव्र राजनीतिक चेतना का आविर्भाव हुआ। 1949 में सांवैधानिक संशोधन के निमित्त अखिल अफ़्रीका स्तर की समिति गठित हुई। 1951 के निर्वाचन में देशी जनता ने सरकार बनाने में बहुमत प्राप्त किया। 1954 में संविधान में कुछ सुधार हुए, जिनके अनुसार 'गोल्ड कोस्ट' स्वायत्त शासन की इकाई बन गया। 1953 के आम चुनावों में पुन: अशांटी प्रदेश, उत्तरी भाग और टोगोलैंड के निवासियों को विशाल बहुमत प्राप्त हुआ। फलत: 6 मार्च, 1957 को अंग्रेज़ों ने सारे देश को स्वतंत्र कर दिया। स्वतंत्रता के बाद इसका नाम 'घाना' पड़ा। उसी वर्ष इसने ब्रिटिश राष्ट्रमंडल की सदस्यता ग्रहण की। इस प्रकार 1 जुलाई, 1960 को घाना गणराज्य घोषित हुआ।
जातियाँ
घाना के निवासी मुख्यत: नीग्रो जाति के हैं। मध्य घाना में अशांटी और समुद्र तटीय क्षेत्रों में आकनवंशी ट्वी और फांटी उपजातियों का वास है। दक्षिण पश्चिम में रहने वाली उपजातियों के नाम एनज़ीमा, अथांटा और इवेल आदि हैं। उत्तरी भागों में रहने वाले मोशी दगोंबा या गोंजा समूह के हैं, जो आकनवंशी ही हैं।[1]
भाषा
सामान्यत: घाना 56 भाषाओं का देश है, किंतु 1962 से अंग्रेज़ी और फ़्राँसीसी के अतिरिक्त 'अकुआपेम ट्वी'[2] आसांटे-ट्वी[3], दगबानी[4] दांगबे[5], इवे[6], फांटी[7], गा[8], कासेम[9] और एंज़ीमा[10] नामक नौ भाषाएँ सरकार द्वारा मान्य हैं।
धर्म
घाना के लोग प्राय: आध्यात्मिक और आस्तिक हैं। ईसाइयों की संख्या छ: लाख, पचास हज़ार है, जिनमें रोमन कैथोलिक, मेथोडिस्ट और प्रेस्बाइटेरियन हैं।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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