दात्तामित्री
दात्तामित्री नामक नगर का उल्लेख पतंजलि के 'महाभाष्य' और क्रमदीश्वर के 'व्याकरण' में हुआ है। इस नगर की स्थिति 'सुवीर देश' में बताई गई है। सम्भवत: यह नगर ग्रीक राजा डेमेट्रियस (द्वितीय शती ई. पू.) के नाम पर प्रसिद्ध हुआ था।
इतिहास
चारक्स के 'इसीडोर' ग्रंथ में (प्रथम शती ई. के प्रारम्भ में निर्मित) डेमेट्रिओपोलिस नामक नगर की स्थिति अराकोसिया या वर्तमान कंधार (अफ़ग़ानिस्तान) में बताई गई है। बहुत संभव है कि दात्तामित्री, डेमेट्रिओपोलिस का ही भारतीय रूपान्तर हो। यह संभावना महाभारत में 'दत्तमित्र' नामक राजा के नामोल्लेख से और भी पुष्ट हो जाती है।
दत्तमित्री बैक्ट्रिया के ग्रीक राजा डेमेट्रियस का ही संस्कृत उच्चारण जान पड़ता है। ग्रीक इतिहास लेखक स्ट्रेबो के वर्णन के अनुसार अंतिओकस के जामातृ डेमेट्रिअस और मिनेंडर (भारतीय नाम 'मिलिंद') ने भारत तक यूनानी राज्य का विस्तार किया था। दात्तामित्री नगर का ठीक-ठीक अभिज्ञान अनिश्चित है। अनुमान किया जाता है कि यह नगर द्वितीय शती ई. पू. में बसाया गया होगा।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |पृष्ठ संख्या: 430 |