जयवापी श्रीलंका में स्थित एक तड़ाग[1] का नाम है। इसका उल्लेख बौद्ध ग्रंथ महावंश[2] में आया है। यह अनुराधापुर के समीप स्थित है। लंका नरेश पांडुकामय के राज्याभिषेक के लिए इस वापी के जल का प्रयोग किया गया था। इसी कारण इसे 'जयवापी' कहते हैं।[3]
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जयवापी श्रीलंका में स्थित एक तड़ाग[1] का नाम है। इसका उल्लेख बौद्ध ग्रंथ महावंश[2] में आया है। यह अनुराधापुर के समीप स्थित है। लंका नरेश पांडुकामय के राज्याभिषेक के लिए इस वापी के जल का प्रयोग किया गया था। इसी कारण इसे 'जयवापी' कहते हैं।[3]
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