"केशव (कृष्ण)" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
छो (Text replace - "==टीका टिप्पणी और संदर्भ==" to "{{संदर्भ ग्रंथ}} ==टीका टिप्पणी और संदर्भ==")
छो (Text replacement - " महान " to " महान् ")
 
(2 सदस्यों द्वारा किये गये बीच के 4 अवतरण नहीं दर्शाए गए)
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
 +
{{बहुविकल्प|बहुविकल्पी शब्द=केशव|लेख का नाम=केशव (बहुविकल्पी)}}
 +
[[चित्र:Krishna-2.jpg|thumb|बंसी बजाते हुए, [[कृष्ण]]]]
 
{{main|कृष्ण}}
 
{{main|कृष्ण}}
{{बहुविकल्पी|केशव}}
+
[[कृष्ण]] को ही केशव कहा जाता है। हरिवंश के वर्णन से प्रतीत होता है कि केशी [[कंस]] का परम प्रिय भाई या मित्र था। केशी को मारने से कृष्ण का नाम 'केशव' हुआ। [[पुराण|पुराणों]] के अनुसार केशी घोड़े का रूप बना कर कृष्ण को मारने गया था।<ref>[[ब्रह्मपुराण]] 190,22-48</ref> <ref>[[भागवत पुराण]] 37, 1-25</ref><ref>[[विष्णु पुराण]] 16, 1-28</ref> सनातन धर्म के अनुसार भगवान [[विष्णु]] सर्वपापहारी पवित्र और समस्त मनुष्यों को भोग तथा मोक्ष प्रदान करने वाले प्रमुख [[देवता]] हैं। कृष्ण [[हिन्दू धर्म]] में विष्णु के अवतार माने जाते हैं। श्रीकृष्ण साधारण व्यक्ति न होकर युग पुरुष थे। उनके व्यक्तित्व में [[भारत]] को एक प्रतिभासम्पन्न राजनीतिवेत्ता ही नही, एक महान् कर्मयोगी और दार्शनिक प्राप्त हुआ, जिसका [[गीता]]- ज्ञान समस्त मानव-जाति एवं सभी देश-काल के लिए पथ-प्रदर्शक है। कृष्ण की स्तुति लगभग सारे [[भारत]] में किसी न किसी रूप में की जाती है।
[[कृष्ण]] को ही केशव कहा जाता है। [[हरिवंश]] के वर्णन से प्रतीत होता है कि केशी [[कंस]] का परम प्रिय भाई या मित्र था। केशी को मारने से कृष्ण का नाम 'केशव' हुआ। [[पुराण|पुराणों]] के अनुसार केशी घोड़े का रूप बना कर कृष्ण को मारने गया था।<ref>[[ब्रह्मपुराण]] 190,22-48</ref> <ref>[[भागवत पुराण]] 37, 1-25</ref><ref>[[विष्णु पुराण]] 16, 1-28</ref>
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
{{संदर्भ ग्रंथ}}
 
{{संदर्भ ग्रंथ}}
 
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
 
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
 
<references/>
 
<references/>
{{प्रचार}}
+
==संबंधित लेख==
{{लेख प्रगति
+
{{महाभारत}}
|आधार=आधार1
+
{{कृष्ण2}}
|प्रारम्भिक=
 
|माध्यमिक=
 
|पूर्णता=
 
|शोध=
 
}}
 
__INDEX__
 
 
{{कृष्ण}}
 
{{कृष्ण}}
 +
{{हिन्दू देवी देवता और अवतार}}
 +
{{दशावतार2}}
 
[[Category:कृष्ण]]
 
[[Category:कृष्ण]]
 +
[[Category:पर्यायवाची कोश]]
 +
__INDEX__
 +
__INDEX__

14:17, 30 जून 2017 के समय का अवतरण

Disamb2.jpg केशव एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- केशव (बहुविकल्पी)
बंसी बजाते हुए, कृष्ण

कृष्ण को ही केशव कहा जाता है। हरिवंश के वर्णन से प्रतीत होता है कि केशी कंस का परम प्रिय भाई या मित्र था। केशी को मारने से कृष्ण का नाम 'केशव' हुआ। पुराणों के अनुसार केशी घोड़े का रूप बना कर कृष्ण को मारने गया था।[1] [2][3] सनातन धर्म के अनुसार भगवान विष्णु सर्वपापहारी पवित्र और समस्त मनुष्यों को भोग तथा मोक्ष प्रदान करने वाले प्रमुख देवता हैं। कृष्ण हिन्दू धर्म में विष्णु के अवतार माने जाते हैं। श्रीकृष्ण साधारण व्यक्ति न होकर युग पुरुष थे। उनके व्यक्तित्व में भारत को एक प्रतिभासम्पन्न राजनीतिवेत्ता ही नही, एक महान् कर्मयोगी और दार्शनिक प्राप्त हुआ, जिसका गीता- ज्ञान समस्त मानव-जाति एवं सभी देश-काल के लिए पथ-प्रदर्शक है। कृष्ण की स्तुति लगभग सारे भारत में किसी न किसी रूप में की जाती है।

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख