अम्लीय लावा शंकु
इस प्रकार के शंकु का निर्माण उस समय होता है जब ज्वालामुखी लावा में सिलिका की मात्रा अधिक होती है, जिससे वह चिपचिपा व लसदार हो जाता है। ऐसे ज्वालामुखी शंकु अधिक ऊंचाई तथा कम क्षेत्रीय विस्तार वाले होते हैं।
इन्हें भी देखें: पर्वत, पहाड़ी, पर्वतमाला, पर्वत कटक एवं पर्वत श्रेणी
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