एरिआके भाषा के भौगोलिक ग्रंथ पेरिप्लस में उल्लिखित एक स्थान है जो कुछ विद्वानों के मत में अपरांतिक का लैटिन रूपांतर है।
- राय-चौधरी[1] के अनुसार एरिआके वराहमिहिर की वृहत्संहिता में उल्लिखित अर्यक भी हो सकता है।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ऐतिहासिक स्थानावली | पृष्ठ संख्या= 112| विजयेन्द्र कुमार माथुर | वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग | मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार
- ↑ पॉलिटकिल हिस्ट्री ऑफ एंशयेंट इंडिया- पृ. 406
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