गहर भूपृष्ठ से अधिक गहराई में लावा के ठण्डे होकर जमाव से बनी आंतरिक आग्नेय शैलों को वितलीय शैल कहा जाता है।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ भौगोलिक शब्दावली |लेखक: आर. पी. चतुर्वेदी |प्रकाशक: रावत पब्लिकिशन, जयपुर व नई दिल्ली |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 03 |