हवाईयन तुल्य ज्वालामुखी

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हवाईयन तुल्य ज्वालामुखी का उद्गार अत्यन्त शान्त होता है, क्योकि इससे निकलने वाला लावा तरल व क्षारीय होता है। जिससे यह दूर-दूर तक फैलकर जमा हो जाता है। इससे निर्मित शंकु कम ऊँचाई वाले किन्तु विस्तृत होते हैं।

  • जब ज्वालामुखी उद्भेदन किसी एक केंद्रीय मुख से भारी धमाके के साथ होता है तो उसे 'केन्द्रीय उद्भेदन' कहते हैं। केन्द्रीय उद्गार विनाशात्मक प्लेटों के किनारों के सहारे होता है। केन्द्रीय उद्गार कई प्रकार के होते हैं-
  1. पीलियन तुल्य ज्वालामुखी
  2. वल्कैनो तुल्य ज्वालामुखी
  3. स्ट्राम्बोली तुल्य ज्वालामुखी
  4. हवाईयन तुल्य ज्वालामुखी

इन्हें भी देखें: पर्वत, पहाड़ी, पर्वतमाला, पर्वत कटक एवं पर्वत श्रेणी


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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