"गीता 1:23": अवतरणों में अंतर
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< | [[अर्जुन]]<ref>[[महाभारत]] के मुख्य पात्र है। [[पाण्डु]] एवं [[कुन्ती]] के वह तीसरे पुत्र थे। अर्जुन सबसे अच्छा धनुर्धर था। वह [[द्रोणाचार्य]] का सबसे प्रिय शिष्य था। [[द्रौपदी]] को [[स्वयंवर]] में जीतने वाला भी वही था।</ref> के इस प्रकार कहने पर भगवान् ने क्या किया ? अब दो श्लोकों में [[संजय]]<ref>संजय [[धृतराष्ट्र]] की राजसभा का सम्मानित सदस्य था। जाति से वह बुनकर था। वह विनम्र और धार्मिक स्वभाव का था और स्पष्टवादिता के लिए प्रसिद्ध था। वह राजा को समय-समय पर सलाह देता रहता था।</ref> उसका वर्णन करते हैं- | ||
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दुर्बुद्धि < | दुर्बुद्धि [[दुर्योधन]]<ref>[[धृतराष्ट्र]]-[[गांधारी]] के सौ पुत्रों में सबसे बड़ा पुत्र दुर्योधन था। दुर्योधन [[गदा शस्त्र|गदा]] युद्ध में पारंगत था और [[श्रीकृष्ण]] के बड़े भाई [[बलराम]] का शिष्य था।</ref> का युद्ध में हित चाहने वाले जो-जो ये राजा लोग इस सेना में आये हैं, इन युद्ध करने वालों को मैं देखूँगा ।।23।। | ||
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==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | |||
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==संबंधित लेख== | |||
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12:40, 3 जनवरी 2013 के समय का अवतरण
गीता अध्याय-1 श्लोक-23 / Gita Chapter-1 Verse-23
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख |
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