"देवकीनन्दन": अवतरणों में अंतर

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*सनातन धर्म के अनुसार भगवान [[विष्णु]] सर्वपापहारी पवित्र और समस्त मनुष्यों को भोग तथा मोक्ष प्रदान करने वाले प्रमुख [[देवता]] हैं।  
*सनातन धर्म के अनुसार भगवान [[विष्णु]] सर्वपापहारी पवित्र और समस्त मनुष्यों को भोग तथा मोक्ष प्रदान करने वाले प्रमुख [[देवता]] हैं।  
*कृष्ण [[हिन्दू धर्म]] में विष्णु के अवतार माने जाते हैं।  
*कृष्ण [[हिन्दू धर्म]] में विष्णु के अवतार माने जाते हैं।  
*श्रीकृष्ण साधारण व्यक्ति न होकर युग पुरुष थे। उनके व्यक्तित्व में [[भारत]] को एक प्रतिभासम्पन्न राजनीतिवेत्ता ही नहीं, एक महान कर्मयोगी और दार्शनिक प्राप्त हुआ, जिसका [[गीता]]- ज्ञान समस्त मानव-जाति एवं सभी देश-काल के लिए पथ-प्रदर्शक है।  
*श्रीकृष्ण साधारण व्यक्ति न होकर युग पुरुष थे। उनके व्यक्तित्व में [[भारत]] को एक प्रतिभासम्पन्न राजनीतिवेत्ता ही नहीं, एक महान् कर्मयोगी और दार्शनिक प्राप्त हुआ, जिसका [[गीता]]- ज्ञान समस्त मानव-जाति एवं सभी देश-काल के लिए पथ-प्रदर्शक है।  
*कृष्ण की स्तुति लगभग सारे [[भारत]] में किसी न किसी रूप में की जाती है।
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राधा कृष्ण
Radha Krishna
देवकीनन्दन एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- देवकीनन्दन (बहुविकल्पी)
  • भगवान कृष्ण का भी नाम देवकीनन्दन है।
  • देवकी का पुत्र होने के कारण कृष्ण को देवकीनन्दन कहा जाता है।
  • सनातन धर्म के अनुसार भगवान विष्णु सर्वपापहारी पवित्र और समस्त मनुष्यों को भोग तथा मोक्ष प्रदान करने वाले प्रमुख देवता हैं।
  • कृष्ण हिन्दू धर्म में विष्णु के अवतार माने जाते हैं।
  • श्रीकृष्ण साधारण व्यक्ति न होकर युग पुरुष थे। उनके व्यक्तित्व में भारत को एक प्रतिभासम्पन्न राजनीतिवेत्ता ही नहीं, एक महान् कर्मयोगी और दार्शनिक प्राप्त हुआ, जिसका गीता- ज्ञान समस्त मानव-जाति एवं सभी देश-काल के लिए पथ-प्रदर्शक है।
  • कृष्ण की स्तुति लगभग सारे भारत में किसी न किसी रूप में की जाती है।

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