"गीता 1:3": अवतरणों में अंतर
छो (1 अवतरण) |
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) छो (Text replacement - "बुद्वि" to "बुद्धि") |
||
(3 सदस्यों द्वारा किए गए बीच के 3 अवतरण नहीं दर्शाए गए) | |||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
<table class="gita" width="100%" align="left"> | <table class="gita" width="100%" align="left"> | ||
<tr> | <tr> | ||
पंक्ति 9: | पंक्ति 8: | ||
'''प्रसंग-''' | '''प्रसंग-''' | ||
---- | ---- | ||
< | [[पांडव]]<ref>पांडव [[कुन्ती]] के पुत्र थे। इनके नाम [[युधिष्ठर]], [[भीम]], [[अर्जुन]], [[नकुल]] और [[सहदेव]] थे।</ref> सेना की व्यूहरचना दिखलाकर अब [[दुर्योधन]]<ref>[[धृतराष्ट्र]]-[[गांधारी]] के सौ पुत्रों में सबसे बड़ा पुत्र दुर्योधन था। दुर्योधन गदा युद्ध में पारंगत था और [[श्री कृष्ण]] के बड़े भाई [[बलराम]] का शिष्य था।</ref>तीन श्लोकों द्वारा पाण्डव सेना के प्रमुख महारथियों के नाम बतलाते हैं | ||
---- | ---- | ||
<div align="center"> | <div align="center"> | ||
पंक्ति 25: | पंक्ति 22: | ||
| style="width:50%; font-size:120%;padding:10px;" valign="top"| | | style="width:50%; font-size:120%;padding:10px;" valign="top"| | ||
हे आचार्य ! आपके बुद्धिमान् शिष्य < | हे आचार्य ! आपके बुद्धिमान् शिष्य [[द्रुपद]]<ref>[[द्रौपदी]] के पिता। शिक्षा काल में द्रुपद और [[द्रोणाचार्य|द्रोण]] की गहरी मित्रता थी।</ref> पुत्र [[धृष्टद्युम्न]]<ref>ये [[द्रुपद]] का पुत्र तथा [[द्रौपदी]] के भाई था। [[द्रोणाचार्य]] का वध इसी ने किया।</ref> द्वारा व्यूहाकार खड़ी की हुई [[पाण्डु]]<ref>पाण्डु [[हस्तिनापुर]] के राजा और [[धृतराष्ट्र]] के भाई थे। ये पाँडवों के पिता थे।</ref>पुत्रों की इस बड़ी भारी सेना को देखिये ।।3।। | ||
| style="width:50%; font-size:120%;padding:10px;" valign="top"| | | style="width:50%; font-size:120%;padding:10px;" valign="top"| | ||
पंक्ति 42: | पंक्ति 34: | ||
|- | |- | ||
| style="width:100%;text-align:center; font-size:110%;padding:5px;" valign="top" | | | style="width:100%;text-align:center; font-size:110%;padding:5px;" valign="top" | | ||
तब = आपके; धीमता= | तब = आपके; धीमता= बुद्धिमान्; शिष्येण = शिष्य; द्रुपदपुत्रेण = द्रुपदपुत्र धृष्टद्युम्न द्वारा; व्यूढाम् = व्यूहाकार खड़ी की हुई; पाण्डुपुत्राणाम् = पाण्डुपुत्रों की; एताम् = इस; महतीत् = बड़ी भारी; चमूम् = सेना को; पश्य = देखिये | ||
|- | |- | ||
|} | |} | ||
पंक्ति 66: | पंक्ति 58: | ||
<tr> | <tr> | ||
<td> | <td> | ||
{{ | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ||
<references/> | |||
==संबंधित लेख== | |||
{{गीता2}} | |||
</td> | </td> | ||
</tr> | </tr> | ||
<tr> | <tr> | ||
<td> | <td> | ||
{{ | {{महाभारत}} | ||
</td> | </td> | ||
</tr> | </tr> |
08:17, 15 सितम्बर 2017 के समय का अवतरण
गीता अध्याय-1 श्लोक-3 / Gita Chapter-1 Verse-3
|
||||
|
||||
|
||||
|
||||
टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख |
||||