"गीता 1:8": अवतरणों में अंतर
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आप <balloon link="द्रोणाचार्य" title="द्रोणाचार्य कौरव और पांडवो के गुरु थे । कौरवों और पांडवों ने द्रोणाचार्य के आश्रम मे ही अस्त्रों और शस्त्रों की शिक्षा पायी थी । अर्जुन द्रोणाचार्य के प्रिय शिष्य थे । | आप <balloon link="द्रोणाचार्य" title="द्रोणाचार्य कौरव और पांडवो के गुरु थे । कौरवों और पांडवों ने द्रोणाचार्य के आश्रम मे ही अस्त्रों और शस्त्रों की शिक्षा पायी थी । अर्जुन द्रोणाचार्य के प्रिय शिष्य थे । | ||
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द्रोणाचार्य</balloon> और पितामह <balloon link="भीष्म" title="भीष्म महाभारत के प्रमुख पात्रों में से एक हैं । ये महाराजा शांतनु के पुत्र थे । अपने पिता को दिये गये वचन के कारण | द्रोणाचार्य</balloon> और पितामह <balloon link="भीष्म" title="भीष्म महाभारत के प्रमुख पात्रों में से एक हैं । ये महाराजा शांतनु के पुत्र थे । अपने पिता को दिये गये वचन के कारण इन्होंने आजीवन ब्रह्मचर्य का व्रत लिया था । इन्हें इच्छामृत्यु का वरदान प्राप्त था। | ||
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भीष्म</balloon> तथा <balloon link="कर्ण" title="कर्ण कुन्ती व सूर्यदेव के पुत्र थे । एक अत्यन्त पराक्रमी तथा दानशील पुरुष । | भीष्म</balloon> तथा <balloon link="कर्ण" title="कर्ण कुन्ती व सूर्यदेव के पुत्र थे । एक अत्यन्त पराक्रमी तथा दानशील पुरुष । |
14:29, 20 अप्रैल 2010 का अवतरण
गीता अध्याय-1 श्लोक-8 / Gita Chapter-1 Verse-8
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