"गीता 1:35": अवतरणों में अंतर
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हे <balloon title="मधुसूदन, केशव, वासुदेव, जनार्दन, भगवान् कृष्ण का ही सम्बोधन है।" style="color:green"> | हे <balloon title="मधुसूदन, केशव, वासुदेव, जनार्दन, भगवान् कृष्ण का ही सम्बोधन है।" style="color:green"> | ||
मधुसूदन</balloon> ! मुझे मारने पर भी अथवा तीनों लोकों के राज्य के लिये भी मै इन सबको मारना नहीं चाहता, फिर [[पृथ्वी]] के लिये तो कहना ही क्या है ? ।।35।। | मधुसूदन</balloon> ! मुझे मारने पर भी अथवा तीनों लोकों के राज्य के लिये भी मै इन सबको मारना नहीं चाहता, फिर [[पृथ्वी देवी|पृथ्वी]] के लिये तो कहना ही क्या है ? ।।35।। | ||
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05:53, 2 मई 2010 का अवतरण
गीता अध्याय-1 श्लोक-35 / Gita Chapter-1 Verse-35
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