"गीता 1:15": अवतरणों में अंतर
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था। अर्जुन सबसे अच्छा धनुर्धर था। वो द्रोणाचार्य का शिष्य था। द्रौपदी को स्वयंवर मे जीतने वाला वो ही था। | था। अर्जुन सबसे अच्छा धनुर्धर था। वो द्रोणाचार्य का शिष्य था। द्रौपदी को स्वयंवर मे जीतने वाला वो ही था। | ||
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अर्जुन</balloon> ने देवदत्त नामक और भयानक कर्म वाले <balloon link="भीम" title="पाण्डु के पाँच में से दूसरी संख्या के पुत्र का नाम भीम अथवा भीमसेन था । भीम में दस हज़ार हाथियों का बल था और वह गदा | अर्जुन</balloon> ने देवदत्त नामक और भयानक कर्म वाले <balloon link="भीम" title="पाण्डु के पाँच में से दूसरी संख्या के पुत्र का नाम भीम अथवा भीमसेन था । भीम में दस हज़ार हाथियों का बल था और वह गदा युद्ध में पारंगत था । | ||
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भीमसेन</balloon> ने पौण्ड्र नामक महाशंख बजाया ।।15।। | भीमसेन</balloon> ने पौण्ड्र नामक महाशंख बजाया ।।15।। |
05:21, 20 मई 2010 का अवतरण
गीता अध्याय-1 श्लोक-15 / Gita Chapter-1 Verse-15
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