"भाभर": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
No edit summary
No edit summary
पंक्ति 3: पंक्ति 3:


*इस क्षेत्र की सरन्ध्रता इतनी अधिक है कि यहाँ पर सारी नदियाँ लुप्त हो जाती हैं।
*इस क्षेत्र की सरन्ध्रता इतनी अधिक है कि यहाँ पर सारी नदियाँ लुप्त हो जाती हैं।
*यहाँ पर ''यूलालिओप्सिस बिनाता' नामक स्थानीय घास पुमुख रूप से पाई जाती है।
*यहाँ पर 'यूलालिओप्सिस बिनाता' नामक स्थानीय घास पुमुख रूप से पाई जाती है।
*इस घास के यहाँ बड़ी मात्रा में पाए जाने से ही इस क्षेत्र का नाम 'भाभर' पड़ा।
*इस घास के यहाँ बड़ी मात्रा में पाए जाने से ही इस क्षेत्र का नाम 'भाभर' पड़ा।
*अधिकांशत: इस घास का उपयोग मुख्यत: [[कागज़]] और रस्सी बनाने के लिए किया जाता है।
*अधिकांशत: इस घास का उपयोग मुख्यत: [[कागज़]] और रस्सी बनाने के लिए किया जाता है।

05:11, 23 अक्टूबर 2011 का अवतरण

भाभर शिवालिक की पदस्थली पर स्थित एक विशिष्ट भौगोलिक क्षेत्र है।


  • इस क्षेत्र की सरन्ध्रता इतनी अधिक है कि यहाँ पर सारी नदियाँ लुप्त हो जाती हैं।
  • यहाँ पर 'यूलालिओप्सिस बिनाता' नामक स्थानीय घास पुमुख रूप से पाई जाती है।
  • इस घास के यहाँ बड़ी मात्रा में पाए जाने से ही इस क्षेत्र का नाम 'भाभर' पड़ा।
  • अधिकांशत: इस घास का उपयोग मुख्यत: कागज़ और रस्सी बनाने के लिए किया जाता है।

संबंधित लेख