"गीता 1:26": अवतरणों में अंतर
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इसके बाद पृथापुत्र < | इसके बाद पृथापुत्र [[अर्जुन]]<ref>[[महाभारत]] के मुख्य पात्र है। [[पाण्डु]] एवं [[कुन्ती]] के वह तीसरे पुत्र थे। अर्जुन सबसे अच्छा धनुर्धर था। वह [[द्रोणाचार्य]] का सबसे प्रिय शिष्य था। [[द्रौपदी]] को [[स्वयंवर]] में जीतने वाला भी वही था।</ref> ने उस दोनों ही सेनाओं में स्थित ताऊ-चाचों को, दादों परदादो को, गुरुओं को, मामाओं को, भाइयों को, पुत्रों को, पौत्रों को तथा मित्रों को, ससुरों को और सुहृदों को भी देखा ।।26 और 27वें का पूर्वार्ध ।। | ||
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12:55, 3 जनवरी 2013 के समय का अवतरण
गीता अध्याय-1 श्लोक-26 / Gita Chapter-1 Verse-26
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टीका टिप्पणी और संदर्भसंबंधित लेख |
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