1976 में गत विश्व हिन्दी सम्मेलन के बाद आज तक, छह वर्षों में अनेक श्रेष्ठ और ज्येष्ठ, प्रवीण और नवीन भारतीय साहित्यकार, भाषावैज्ञानिक, हिन्दीप्रेमी अहिन्दी-भाषी विद्वान, कवि, उपन्यासकार, नाटककार आदि को क्रूर काल हममें से छीनकर ले गया। उन सब का स्मरण एक लेख में करना सम्भव नहीं। फिर भी विश्व हिन्दी सम्मेलन ने जिनका सम्मान प्रथम और द्वितीय सम्मेलनों में किया था और जो सक्रिय रूप से इस संस्था से संबंद्ध थे, जिनके आशीर्वादों की छत्रछाया में हिन्दी का कार्य बढ़ा, ऐसे सब सहृदय साहित्य-सेवकों को हमारी विनम्र प्रणाम-श्रद्धांजलि निवेदित है। .... और पढ़ें
|