हे आचार्य ! आपके बुद्धिमान् शिष्य <balloon link="द्रुपद" title="द्रौपदी के पिता । शिक्षा काल में द्रुपद और द्रोण की गहरी मित्रता थी।
¤¤¤ आगे पढ़ने के लिए लिंक पर ही क्लिक करें ¤¤¤">द्रुपद</balloon> पुत्र <balloon link="धृष्टद्युम्न" title="ये द्रुपद का पुत्र तथा द्रौपदी के भाई था। द्रोणाचार्य का वध इसी ने किया।
¤¤¤ आगे पढ़ने के लिए लिंक पर ही क्लिक करें ¤¤¤">
धृष्टद्युम्न</balloon> द्वारा व्यूहाकार खड़ी की हुई <balloon link="पाण्डु" title="पाण्डु हस्तिनापुर के राजा और धृतराष्ट्र के भाई थे । ये पाँडवों के पिता थे।
¤¤¤ आगे पढ़ने के लिए लिंक पर ही क्लिक करें ¤¤¤">
पाण्डु</balloon> पुत्रों की इस बड़ी भारी सेना को देखिये ।।3।।
|
Behold, master, the mighty army of the sons of Pandu arrayed for battle by your talented pupil, Dhristadyumna, son of Drupada.(3)
|