गीता 1:16

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गीता अध्याय-1 श्लोक-16 / Gita Chapter-1 Verse-16

अनन्तविजयं राजा कुन्ती पुत्रो युधिष्ठिर: ।
नकुल: सहदेवश्च सुघोषमणिपुष्पकौ ।।16।।



कुन्ती[1] पुत्र राजा युधिष्ठिर[2] ने अनन्त विजय नामक और नकुल[3] तथा सहदेव[4] ने सुघोष और मणिपुष्पक नामक शंख बजाये ।।16।।

King Yudhisthira, son of Kunti, blew his conch Anantavijaya; while Nakula and Sahadeva blew theirs, known as Sughosa and Manipuspaka respectively.


अनन्तविजयम् = अनन्तविजय नामक शंख (और); सुघोषमणिपुष्पकौ = सुघोष और मणिपुष्पक नाम वाले शंख (बजाये);



अध्याय एक श्लोक संख्या
Verses- Chapter-1

1 | 2 | 3 | 4, 5, 6 | 7 | 8 | 9 | 10 | 11 | 12 | 13 | 14 | 15 | 16 | 17, 18 | 19 | 20, 21 | 22 | 23 | 24, 25 | 26 | 27 | 28, 29 | 30 | 31 | 32 | 33, 34 | 35 | 36 | 37 | 38, 39 | 40 | 41 | 42 | 43 | 44 | 45 | 46 | 47

अध्याय / Chapter:
एक (1) | दो (2) | तीन (3) | चार (4) | पाँच (5) | छ: (6) | सात (7) | आठ (8) | नौ (9) | दस (10) | ग्यारह (11) | बारह (12) | तेरह (13) | चौदह (14) | पन्द्रह (15) | सोलह (16) | सत्रह (17) | अठारह (18)

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. ये वसुदेवजी की बहन और भगवान श्रीकृष्ण की बुआ थीं। महाभारत में महाराज पाण्डु की ये पत्नी थीं।
  2. युधिष्ठिर महाभारत में पांच पाण्डवों में सबसे बड़े भाई थे। महाभारत के नायकों में समुज्ज्वल चरित्र वाले ज्येष्ठ पाण्डव थे।
  3. नकुल कुन्ती के नहीं अपितु माद्री के पुत्र थे। वे कुशल अश्वारोही और जानवरों के विशेषज्ञ थे।
  4. पांडु के पाँच पुत्रों में से सबसे छोटे थे। वे बहुत सुन्दर और सुकुमार थे।

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