ताशिदिंग मठ

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ताशिदिंग मठ सिक्किम स्थित प्रसिद्ध बौद्ध मठ है, जिसे बहुत पवित्र माना जाता है। इसकी पवित्रता के विषय में यह माना जाता है कि 8वीं सदी में गुरु पद्मसंभव ने जिस स्थान से सिक्किम को आशीष प्रदान किया था, वहीं पर ताशिदिंग स्थित है।

  • यह मठ एक दिल के आकार की पहाड़ी पर स्थित है।
  • ताशिदिंग बेहद खूबसूरत है, जो माउंट कंचनजंगा की पृष्ठभूमि में एक आकर्षक दृश्य प्रस्तुत करता है।
  • सिक्किम के पहले चोग्याल के अभिषेक की रस्म अदा करने वाले तीन लामाओं में से एक नगाडक सेंपा चेंपो द्वारा 18वीं सदी में ताशिदिंग मठ का निर्माण किया गया था।
  • यहाँ एक प्रसिद्ध चोर्टन है, जिसके लिये ताशिदिंग प्रसिद्ध है। इसे 'थोंग-वारंग-डोल' कहा जाता है, जिसका अर्थ है- 'एक झलक में मुक्ति देने वाला' और तदनुसार यह माना जाता है कि चोर्टन की एक झलक से श्रद्धालुओं के सारे पाप धुल जाते हैं।
  • इस स्थान की एक और महत्वपूर्ण घटना है, जिसके लिये ताशिदिंग मठ प्रसिद्ध है। गोम्पा हर साल 'पवित्र जल त्योहार' का आयोजन करता है। हर साल चंद्र महीने के 14वें और 15वें दिन मठ में एक रस्म अदा की जाती है, जिसे 'भुमचु' कहते हैं, तब श्रद्धालु इस पवित्र जल को ग्रहण करते हैं। शुभ दिन पर इस पवित्र जल को बाहर ले जाया जाता है और फिर बाद में मठ के लामाओं द्वारा सुरक्षित वापस लाया जाता है।[1]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. ताशिदिंग मठ (हिन्दी) नेटिव प्लेनेट। अभिगमन तिथि: 29 नवम्बर, 2014।

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