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*बल्ख़ [[अफ़ग़ानिस्तान]] का एक प्रांत है। इसे ऐतिहासिक रूप से बैक्ट्रा भी कहा जाता है। यहाँ तोपे-रुस्तम नामक खंडहरों से इस स्थान पर एक अति प्राचीन और विशाल नगर के अस्तित्व का आभास मिलता है। अवशेषों से विदित होता है कि यह नगर विभिन्न देवों के उपासकों तथा अग्नि-पूजकों द्वारा बसाया गया होगा।  
 
*बल्ख़ [[अफ़ग़ानिस्तान]] का एक प्रांत है। इसे ऐतिहासिक रूप से बैक्ट्रा भी कहा जाता है। यहाँ तोपे-रुस्तम नामक खंडहरों से इस स्थान पर एक अति प्राचीन और विशाल नगर के अस्तित्व का आभास मिलता है। अवशेषों से विदित होता है कि यह नगर विभिन्न देवों के उपासकों तथा अग्नि-पूजकों द्वारा बसाया गया होगा।  
 
*यहाँ ऐतिहासिक गुफ़ाऐं तथा इनके भीतर अंकित भिति-चित्रों से भी बल्ख़ की प्राचीन सभ्यता का दिग्दर्शन होता है।  
 
*यहाँ ऐतिहासिक गुफ़ाऐं तथा इनके भीतर अंकित भिति-चित्रों से भी बल्ख़ की प्राचीन सभ्यता का दिग्दर्शन होता है।  
*वास्तव में मुसलमानों के पूर्व बल्ख़ में हिन्दू-[[बौद्ध]] सभ्यता का पूरा-पूरा प्रभाव था। <ref>दे0 वाह्लिक</ref>
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*वास्तव में मुसलमानों के पूर्व बल्ख़ में हिन्दू-[[बौद्ध]] सभ्यता का पूरा-पूरा प्रभाव था। <ref> वाह्लिक</ref>
  
 
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14:49, 27 जुलाई 2011 का अवतरण

  • बल्ख़ अफ़ग़ानिस्तान का एक प्रांत है। इसे ऐतिहासिक रूप से बैक्ट्रा भी कहा जाता है। यहाँ तोपे-रुस्तम नामक खंडहरों से इस स्थान पर एक अति प्राचीन और विशाल नगर के अस्तित्व का आभास मिलता है। अवशेषों से विदित होता है कि यह नगर विभिन्न देवों के उपासकों तथा अग्नि-पूजकों द्वारा बसाया गया होगा।
  • यहाँ ऐतिहासिक गुफ़ाऐं तथा इनके भीतर अंकित भिति-चित्रों से भी बल्ख़ की प्राचीन सभ्यता का दिग्दर्शन होता है।
  • वास्तव में मुसलमानों के पूर्व बल्ख़ में हिन्दू-बौद्ध सभ्यता का पूरा-पूरा प्रभाव था। [1]


टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. वाह्लिक

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