"रामविलास पासवान" के अवतरणों में अंतर
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− | '''रामविलास पासवान''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Ramvilas Paswan'', जन्म- [[5 जुलाई]], [[1946]]) लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष | ||
==जन्म== | ==जन्म== | ||
− | लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष रामविलास पासवान का जन्म 5 जुलाई 1946 के दिन [[बिहार]] के खगरिया जिले में एक दलित परिवार में हुआ था। उन्होंने बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी झांसी से एम.ए. तथा पटना यूनिवर्सिटी से एलएलबी | + | लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष रामविलास पासवान का जन्म 5 जुलाई 1946 के दिन [[बिहार]] के खगरिया जिले में एक दलित परिवार में हुआ था। उन्होंने बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी झांसी से एम.ए. तथा पटना यूनिवर्सिटी से एलएलबी किया। उन्होंने 1960 के दशक में राजकुमारी देवी से [[विवाह]] किया। उनकी पहली पत्नी राजकुमारी से उषा और आशा दो बेटियां हैं। [[1983]] में उन्होंने [[अमृतसर]] से एक एयरहोस्टेस और पंजाबी [[हिन्दू]] रीना शर्मा से विवाह किया। उनके पास एक बेटा और बेटी है। उनके बेटे [[चिराग़ पासवान]] एक अभिनेता और राजनेता हैं। |
==राजनीतिक गतिविधियाँ== | ==राजनीतिक गतिविधियाँ== | ||
सन [[1969]] में पहली बार वे [[बिहार]] के राज्यसभा चुनावों में संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के उम्मीदवार के रूप निर्वाचित हुए थे। [[1977]] में छठी लोकसभा में रामविलास पासवान जनता पार्टी के उम्मीदवार के रूप में निर्वाचित हुए। [[1982]] में हुए लोकसभा चुनाव में पासवान दूसरी बार विजयी रहे थे। 1983 में उन्होंने दलितों के उत्थान के लिए दलित सेना का गठन किया तथा 1989 में नवीं लोकसभा में तीसरी बार लोकसभा में चुने गए। 1996 में दसवीं लोकसभा में वे निर्वाचित हुए। 2000 में रामविलास पासवान ने जनता दल यूनाइटेड से अलग होकर लोक जनशक्ति पार्टी का गठन किया। बारहवीं, तेरहवीं और चौदहवीं लोकसभा में भी वे विजयी रहे। [[अगस्त]] [[2010]] में बिहार राज्यसभा के सदस्य निर्वाचित हुए और कार्मिक तथा पेंशन मामले और ग्रामीण विकास समिति के सदस्य बनाए गए थे।<ref name>{{cite web |url=https://hindi.webdunia.com/famous-personalities-profile/%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%AE%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%B2%E0%A4%BE%E0%A4%B8-%E0%A4%AA%E0%A4%BE%E0%A4%B8%E0%A4%B5%E0%A4%BE%E0%A4%A8-%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A5%8B%E0%A4%AB%E0%A4%BE%E0%A4%87%E0%A4%B2-114021900068_1.html |title=रामविलास पासवान : प्रोफाइल|accessmonthday= 28 दिसम्बर|accessyear=2019 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=hindi.webdunia |language=हिंदी}}</ref> | सन [[1969]] में पहली बार वे [[बिहार]] के राज्यसभा चुनावों में संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के उम्मीदवार के रूप निर्वाचित हुए थे। [[1977]] में छठी लोकसभा में रामविलास पासवान जनता पार्टी के उम्मीदवार के रूप में निर्वाचित हुए। [[1982]] में हुए लोकसभा चुनाव में पासवान दूसरी बार विजयी रहे थे। 1983 में उन्होंने दलितों के उत्थान के लिए दलित सेना का गठन किया तथा 1989 में नवीं लोकसभा में तीसरी बार लोकसभा में चुने गए। 1996 में दसवीं लोकसभा में वे निर्वाचित हुए। 2000 में रामविलास पासवान ने जनता दल यूनाइटेड से अलग होकर लोक जनशक्ति पार्टी का गठन किया। बारहवीं, तेरहवीं और चौदहवीं लोकसभा में भी वे विजयी रहे। [[अगस्त]] [[2010]] में बिहार राज्यसभा के सदस्य निर्वाचित हुए और कार्मिक तथा पेंशन मामले और ग्रामीण विकास समिति के सदस्य बनाए गए थे।<ref name>{{cite web |url=https://hindi.webdunia.com/famous-personalities-profile/%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%AE%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%B2%E0%A4%BE%E0%A4%B8-%E0%A4%AA%E0%A4%BE%E0%A4%B8%E0%A4%B5%E0%A4%BE%E0%A4%A8-%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A5%8B%E0%A4%AB%E0%A4%BE%E0%A4%87%E0%A4%B2-114021900068_1.html |title=रामविलास पासवान : प्रोफाइल|accessmonthday= 28 दिसम्बर|accessyear=2019 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=hindi.webdunia |language=हिंदी}}</ref> | ||
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#कुछ संघर्ष भरे पल के बाद राजनीति में उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। विभिन्न दलों (लोक दल, जनता पार्टी- एस, समता दल, समता पार्टी, जद यू ) में रहने के बाद उन्होंने [[28 नवंबर]], [[2000]] को [[दिल्ली]] में लोक जनशक्ति पार्टी के गठन की घोषणा की। | #कुछ संघर्ष भरे पल के बाद राजनीति में उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। विभिन्न दलों (लोक दल, जनता पार्टी- एस, समता दल, समता पार्टी, जद यू ) में रहने के बाद उन्होंने [[28 नवंबर]], [[2000]] को [[दिल्ली]] में लोक जनशक्ति पार्टी के गठन की घोषणा की। | ||
#वे [[1996]] से [[2018]] तक बनी विभिन्न पार्टियों की लगभग सभी सरकारों में मंत्री रहे। यही वह वजह है कि उनके विरोधी उन्हें '''मौसम वैज्ञानिक''' के नाम से पुकारते हैं। तीन दशक से सभी सरकारों में केन्द्रीय मंत्रिमंडल में उनकी उपस्थिति रही। वे [[भारत]] के रेलमंत्री (1996 - 1998), केन्द्रीय खनिज मंत्री (2001 - 2002), केन्द्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री (2004 - 2009) और उपभोक्ता मामलात मंत्री (26 मई 2015) रहे हैं।<ref>{{cite web |url=https://www.livehindustan.com/national/story-ram-vilas-paswan-get-role-in-pm-modi-cabinet-know-all-about-ram-vilas-paswan-2553649.html |title=जानें रामविलास पासवान के बारे में अहम बातें|accessmonthday= 30 दिसम्बर|accessyear=2019 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=livehindustan |language=हिंदी}}</ref> | #वे [[1996]] से [[2018]] तक बनी विभिन्न पार्टियों की लगभग सभी सरकारों में मंत्री रहे। यही वह वजह है कि उनके विरोधी उन्हें '''मौसम वैज्ञानिक''' के नाम से पुकारते हैं। तीन दशक से सभी सरकारों में केन्द्रीय मंत्रिमंडल में उनकी उपस्थिति रही। वे [[भारत]] के रेलमंत्री (1996 - 1998), केन्द्रीय खनिज मंत्री (2001 - 2002), केन्द्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री (2004 - 2009) और उपभोक्ता मामलात मंत्री (26 मई 2015) रहे हैं।<ref>{{cite web |url=https://www.livehindustan.com/national/story-ram-vilas-paswan-get-role-in-pm-modi-cabinet-know-all-about-ram-vilas-paswan-2553649.html |title=जानें रामविलास पासवान के बारे में अहम बातें|accessmonthday= 30 दिसम्बर|accessyear=2019 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=livehindustan |language=हिंदी}}</ref> | ||
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+ | दिवंगत केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के सम्मान में 9 अक्टूबर, 2020 को पटना के सभी भवनों पर के [[राष्ट्रीय ध्वज]] को आधा झुका दिया गया। कैबिनेट सचिवालय विभाग द्वारा इस संबंध में जारी आदेश में कहा गया कि 'पटना के उन सभी भवनों पर जहां नियमित रूप से राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है, वहां ध्वज आधा झुका रहेगा'। आदेश में यह भी लिखा था कि 'अंत्येष्टि के दिन उस स्थल पर का राष्ट्रीय ध्वज झुका रहेगा'। | ||
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04:57, 10 अक्टूबर 2020 का अवतरण
रामविलास पासवान
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पूरा नाम | रामविलास पासवान |
जन्म | 5 जुलाई, 1946 |
जन्म भूमि | ज़िला खगरिया, बिहार |
मृत्यु | 8 अक्टूबर, 2020 |
मृत्यु स्थान | नई दिल्ली |
अभिभावक | पिता- जामुन पासवान, माता- सीया देवी |
पति/पत्नी | राजकुमारी देवी, रीना पासवान |
संतान | पुत्र- चिराग पासवान, तीन पुत्रियाँ |
नागरिकता | भारतीय |
प्रसिद्धि | राजनीतिज्ञ |
पार्टी | लोक जनशक्ति पार्टी |
पद | उपभोक्ता मामलात मंत्री |
कार्य काल | 27 मई, 2014 से 30 मई, 2019 |
शिक्षा | एम.ए., एलएलबी, डी.लिट. |
विद्यालय | बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी (झांसी), पटना यूनिवर्सिटी |
अन्य जानकारी | रामविलास पासवान पास छः प्रधानमंत्रियों के साथ काम करने का अनूठा रिकॉर्ड है। नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल में वे उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के मंत्री हैं। |
अद्यतन | 14:41, 29 दिसम्बर 2019 (IST)
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रामविलास पासवान (अंग्रेज़ी: Ramvilas Paswan, जन्म- 5 जुलाई, 1946, खगरिया, बिहार; मृत्यु- 8 अक्टूबर, 2020, नई दिल्ली) लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष थे। वे भारतीय दलित राजनीति के प्रमुख नेताओं में से एक रहे। 17वीं लोकसभा में उन्हें उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय का प्रभार सौंपा गया था। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार में रामविलास पासवान केन्द्रीय मंत्री थे। अगस्त, 2010 में वे बिहार राज्यसभा के सदस्य निर्वाचित हुए और कार्मिक तथा पेंशन मामले और ग्रामीण विकास समिति के सदस्य बनाए गए।
जन्म
लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष रामविलास पासवान का जन्म 5 जुलाई 1946 के दिन बिहार के खगरिया जिले में एक दलित परिवार में हुआ था। उन्होंने बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी झांसी से एम.ए. तथा पटना यूनिवर्सिटी से एलएलबी किया। उन्होंने 1960 के दशक में राजकुमारी देवी से विवाह किया। उनकी पहली पत्नी राजकुमारी से उषा और आशा दो बेटियां हैं। 1983 में उन्होंने अमृतसर से एक एयरहोस्टेस और पंजाबी हिन्दू रीना शर्मा से विवाह किया। उनके पास एक बेटा और बेटी है। उनके बेटे चिराग़ पासवान एक अभिनेता और राजनेता हैं।
राजनीतिक गतिविधियाँ
सन 1969 में पहली बार वे बिहार के राज्यसभा चुनावों में संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के उम्मीदवार के रूप निर्वाचित हुए थे। 1977 में छठी लोकसभा में रामविलास पासवान जनता पार्टी के उम्मीदवार के रूप में निर्वाचित हुए। 1982 में हुए लोकसभा चुनाव में पासवान दूसरी बार विजयी रहे थे। 1983 में उन्होंने दलितों के उत्थान के लिए दलित सेना का गठन किया तथा 1989 में नवीं लोकसभा में तीसरी बार लोकसभा में चुने गए। 1996 में दसवीं लोकसभा में वे निर्वाचित हुए। 2000 में रामविलास पासवान ने जनता दल यूनाइटेड से अलग होकर लोक जनशक्ति पार्टी का गठन किया। बारहवीं, तेरहवीं और चौदहवीं लोकसभा में भी वे विजयी रहे। अगस्त 2010 में बिहार राज्यसभा के सदस्य निर्वाचित हुए और कार्मिक तथा पेंशन मामले और ग्रामीण विकास समिति के सदस्य बनाए गए थे।[1]
असाधारण योग्यता
50 साल की विधायकी और सांसदी ही नहीं, 1996 से सभी सरकारों में मंत्री रहना, एक ऐसी असाधारण योग्यता है जिसके आगे अजित सिंह भी चित्त हो गए। देवगौड़ा-गुजराल से लेकर अटल बिहारी वाजपेयी, मनमोहन सिंह और नरेंद्र मोदी जैसे अनेक प्रधानमंत्रियों को साधना साधारण काम नहीं है। इसके अलावा रामविलास पासवान ने अपने कार्यकर्ताओं पर ख़ासा ध्यान दिया और इतने लंबे समय में उनके कार्यकर्ताओं या समर्थकों की नाराज़गी की कोई बड़ी बात सामने नहीं आती। वे जब रेल मंत्री बने तो उन्होंने अपने निर्वाचन क्षेत्र हाजीपुर में रेलवे का क्षेत्रीय मुख्यालय बनवा दिया था।
अपने पिता की बनाई मज़बूत राजनैतिक ज़मीन को हर बार कुछ-कुछ गंवाते अजित सिंह अब सरकार और संसद में नहीं हैं, पर एक कमजोर दलित परिवार में जन्मे रामविलास पासवान अपनी राजनैतिक ज़मीन न सिर्फ़ बचाए हुए हैं, बल्कि बढ़ाते भी जा रहे हैं। 2019 के आम चुनाव से पहले एक और पैंतरा लेकर नरेंद्र मोदी और अमित शाह जैसे दिग्गजों को भी उन्होंने मजबूर कर दिया। बिहार में लोकसभा की छ: सीटों पर लड़ने का समझौता करने के साथ, असम से ख़ुद राज्यसभा पहुंचने का इंतज़ाम करना कोई मामूली बात नहीं है। वी.पी. सिंह राज्यसभा के सदस्य थे, इसलिए रामविलास ही लोकसभा में सत्ताधारी गठबंधन के नेता थे। उस दौर में भारी संख्या वाले ओबीसी और यादव वोट बैंक में शरद यादव तो कोई आधार नहीं बना पाए, पर रामविलास ने बिहार के दलितों, ख़ासतौर दुसाधों और मुसलमानों में एक आधार बनाया जो अब तक उनके साथ बना हुआ है।[2]
मुश्किल समय
चुनावी जीत का रिकॉर्ड कायम करने वाले रामविलास पासवान हाजीपुर से 1984 में भी हारे थे। जब 2009 में उन्हें रामसुंदर दास जैसे बुज़ुर्ग समाजवादी ने हरा दिया तो उन्हें एक नया एहसास हुआ कि वे अपना दलित वोट तो ओबीसी की राजनीति करने वालों को दिला देते हैं, लेकिन उन्हें ओबीसी वोट नहीं मिलता। उन्हें ओबीसी तो नहीं, लेकिन अक्सर अगड़ा वोट मिल जाता है। 2005 से 2009 तक का समय रामविलास के लिए बिहार की राजनीति के हिसाब से मुश्किल दौर था। ऐसा 1984 में चुनाव हारने पर भी हुआ था लेकिन तब उनका कद इतना बड़ा नहीं था और 1983 में बनी दलित सेना के सहारे वे उत्तर प्रदेश के कई उप-चुनावों में भी किस्मत आज़माने उतरे थे। हार तो मिली, लेकिन दलित राजनीति में बसपा के समानांतर एक छावनी लगाने में सफल रहे।
2005 में वे बिहार विधानसभा चुनाव में सरकार बनाने या लालू-नितीश की लड़ाई के बीच सत्ता की कुंजी लेकर उतरने का दावा करते रहे। एक तो नितीश कुमार ने उनके 12 विधायक तोड़कर उनको झटका दिया और राज्यपाल बूटा सिंह ने दोबारा चुनाव की स्थिति बनाकर उनकी राजनीति को और बड़ा झटका दिया था। नवंबर में हुए चुनाव में लालू प्रसाद का 15 साल का राज गया ही, रामविलास की पूरी सियासत बिखर गई। बिहार में सरकार बनाने की चाबी अपने पास होने का उनका दावा रह गया। वे फिर से केंद्र की राजनीति में लौट आए। लालू प्रसाद की तरह वे भी केंद्र में मंत्री बने रहे।
एक नज़र
- बिहार की राजनीति के दिग्गज नेता रामविलास पासवान सोलहवीं और सत्रहवीं लोकसभा में बिहार के जमुई लोकसभा सीट से सांसद निर्वाचित हुए हैं।
- बिहार पुलिस की नौकरी छोड़कर राजनीति में उतरे पासवान पहली बार 1969 में संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी से बिहार विधान सभा के लिए विधायक चुने गए। उन्होंने हमेशा राज नरैण और जयप्रकाश नारायण को अपना आर्दश माना। छात्र जीवन से ही उन्होंने जयप्रकाश नारायण के समाजवादी आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
- 1975 में इमरजेंसी की घोषणा के बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया और उन्होंने इमरजेंसी के दौरान पूरी अवधि जेल में ही गुजारी। 1977 में उन्हें रिहा किया गया।
- 1969 से विधायक से शुरूआत करने वाले रामविलास पासवान 2019 तक यानि 50 साल से लगातार विधायक और सांसद रहे।
- 1977 में जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण करने वाले रामविलास पासवान ने हाजीपुर सीट से रिकॉर्ड मत से जीतकर 'गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉड' में अपना नाम दर्ज कराया।
- कुछ संघर्ष भरे पल के बाद राजनीति में उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। विभिन्न दलों (लोक दल, जनता पार्टी- एस, समता दल, समता पार्टी, जद यू ) में रहने के बाद उन्होंने 28 नवंबर, 2000 को दिल्ली में लोक जनशक्ति पार्टी के गठन की घोषणा की।
- वे 1996 से 2018 तक बनी विभिन्न पार्टियों की लगभग सभी सरकारों में मंत्री रहे। यही वह वजह है कि उनके विरोधी उन्हें मौसम वैज्ञानिक के नाम से पुकारते हैं। तीन दशक से सभी सरकारों में केन्द्रीय मंत्रिमंडल में उनकी उपस्थिति रही। वे भारत के रेलमंत्री (1996 - 1998), केन्द्रीय खनिज मंत्री (2001 - 2002), केन्द्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री (2004 - 2009) और उपभोक्ता मामलात मंत्री (26 मई 2015) रहे हैं।[3]
मृत्यु
बिहार के कद्दावर नेता और केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान का लंबी बीमारी के बाद 74 साल की उम्र में 8 अक्टूबर, 2020 को नई दिल्ली में निधन हुआ। उनका पार्थिव शरीर 9 अक्टूबर, 2020 को दिल्ली से पटना ले जाया गया। पासवान जी का पार्थिव शरीर वायु सेना के विशेष विमान से पटना एयरपोर्ट पर पहुंचा।
राष्ट्रीय ध्वज झुके रहे
दिवंगत केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के सम्मान में 9 अक्टूबर, 2020 को पटना के सभी भवनों पर के राष्ट्रीय ध्वज को आधा झुका दिया गया। कैबिनेट सचिवालय विभाग द्वारा इस संबंध में जारी आदेश में कहा गया कि 'पटना के उन सभी भवनों पर जहां नियमित रूप से राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है, वहां ध्वज आधा झुका रहेगा'। आदेश में यह भी लिखा था कि 'अंत्येष्टि के दिन उस स्थल पर का राष्ट्रीय ध्वज झुका रहेगा'।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ रामविलास पासवान : प्रोफाइल (हिंदी) hindi.webdunia। अभिगमन तिथि: 28 दिसम्बर, 2019।
- ↑ रामविलास पासवान 'राजनीति के मौसम वैज्ञानिक' यूं ही नहीं हैंः (हिंदी) bbc। अभिगमन तिथि: 28 दिसम्बर, 2019।
- ↑ जानें रामविलास पासवान के बारे में अहम बातें (हिंदी) livehindustan। अभिगमन तिथि: 30 दिसम्बर, 2019।
बाहरी कड़ियाँ
- रामविलास पासवान के बारे में
- राम विलास पासवान ने ली मंत्री पद की शपथ, बिना चुनाव लड़े कैबिनेट में शामिल
संबंधित लेख
नरेन्द्र मोदी का कैबिनेट मंत्रिमण्डल
क्रमांक | मंत्री नाम | मंत्रालय |
---|
- प्रारम्भिक अवस्था
- राजनीतिज्ञ
- नरेन्द्र मोदी का मंत्रिमण्डल
- लोकसभा सांसद
- छठी लोकसभा सांसद
- सातवीं लोकसभा सांसद
- नौवीं लोकसभा सांसद
- दसवीं लोकसभा सांसद
- ग्यारहवीं लोकसभा सांसद
- बारहवीं लोकसभा सांसद
- तेरहवीं लोकसभा सांसद
- चौदहवीं लोकसभा सांसद
- सोलहवीं लोकसभा सांसद
- सत्रहवीं लोकसभा सांसद
- प्रसिद्ध व्यक्तित्व
- राजनीति कोश
- चरित कोश
- प्रसिद्ध व्यक्तित्व कोश
- जीवनी साहित्य