"शान्तिवर्णी" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
पंक्ति 4: पंक्ति 4:
 
*यह वीर सेवा मन्दिर ट्रस्ट, [[काशी]] से प्रकाशित हो चुकी है।  
 
*यह वीर सेवा मन्दिर ट्रस्ट, [[काशी]] से प्रकाशित हो चुकी है।  
 
*यह अध्येतव्य है।
 
*यह अध्येतव्य है।
 +
==सम्बंधित लिंक==
 +
{{जैन धर्म2}}
 +
{{जैन धर्म}}
 
[[Category:दर्शन कोश]]
 
[[Category:दर्शन कोश]]
 
[[Category:जैन_दर्शन]]
 
[[Category:जैन_दर्शन]]
 
__INDEX__
 
__INDEX__

12:30, 14 जुलाई 2010 का अवतरण

आचार्य शान्तिवर्णी

  • परीक्षामुख के प्रथम सूत्र पर इन्होंने 'प्रमेयकण्ठिका' नाम की वृत्ति लिखी है।
  • यह एक न्याय-विद्या की लघु रचना है और प्रमाण पर इसमें संक्षेप में प्रकाश डाला गया है।
  • यह वीर सेवा मन्दिर ट्रस्ट, काशी से प्रकाशित हो चुकी है।
  • यह अध्येतव्य है।

सम्बंधित लिंक