काँप मिट्टी (अंग्रेज़ी: Alluvial Soil) उत्तर के विस्तृत मैदान तथा प्रायद्वीपीय भारत के तटीय मैदानों में मिलती है। यह अत्यंत ऊपजाऊ है, इसे जलोढ़ या कछारीय मिट्टी भी कहा जाता है।
- काँप मिट्टी भारत के लगभग 40% भाग में पाई जाती है।
- यह मिट्टी सतलुज, गंगा, यमुना, घाघरा, गंडक, ब्रह्मपुत्र और इनकी सहायक नदियों द्वारा लाई जाती है।
- इस मिट्टी में कंकड़ नही पाए जाते हैं।
- नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और वनस्पति अंशों की कमी पाई इसमें जाती है।
- खादर में ये तत्व भांभर की तुलना में अधिक मात्रा में वर्तमान हैं। इसलिए खादर अधिक उपजाऊ है।
- भांभर में कम वर्षा के क्षेत्रों में, कहीं-कहीं खारी मिट्टी ऊसर अथवा बंजर होती है।
- भांभर और तराई क्षेत्रों में पुरातन जलोढ़, डेल्टाई भागों नवीनतम जलोढ़, मध्य घाटी में नवीन जलोढ़ मिट्टी पाई जाती है।
- पुरातन जलोढ़ मिट्टी के क्षेत्र को भांभर और नवीन जलोढ़ मिट्टी के क्षेत्र को खादर कहा जाता है।
- पूर्वी तटीय मैदानों में यह मिट्टी कृष्णा, गोदावरी, कावेरी और महानदी के डेल्टा में प्रमुख रूप से पाई जाती है।
- इस मिट्टी की प्रमुख फसलें खरीफ और रबी, जैसे- दालें, कपास, तिलहन, गन्ना और गंगा-ब्रह्मपुत्र घाटी में जूट प्रमुख से उगाया जाता है।
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