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'''खादर''' उस भू-भाग को कहा जाता है, जहाँ प्रति वर्ष नदियों की बाढ़ का पानी पहुँचता रहता है। | '''खादर''' उस भू-भाग को कहा जाता है, जहाँ प्रति वर्ष नदियों की बाढ़ का पानी पहुँचता रहता है। | ||
*इस भाग की मिट्टी सदैव नवीन होती रहती है। | *इस भाग की [[मिट्टी]] सदैव नवीन होती रहती है। | ||
*मिट्टी की नवीनता के कारण भूमि की ऊपजाऊ शक्ति में निरन्तर वृद्धि होती रहती है। | *मिट्टी की नवीनता के कारण भूमि की ऊपजाऊ शक्ति में निरन्तर वृद्धि होती है। | ||
*खादर के भू-भाग की यह विशेषता है कि यहाँ मिट्टी सदैव पोषक तत्त्वों से भरपूर रहती है। | |||
*नदियों की बाढ़ के साथ बहकर आई मिट्टी इस भू-भाग को पूरी तरह से उपजाऊ बना देती है। | |||
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05:03, 23 अक्टूबर 2011 के समय का अवतरण
खादर उस भू-भाग को कहा जाता है, जहाँ प्रति वर्ष नदियों की बाढ़ का पानी पहुँचता रहता है।
- इस भाग की मिट्टी सदैव नवीन होती रहती है।
- मिट्टी की नवीनता के कारण भूमि की ऊपजाऊ शक्ति में निरन्तर वृद्धि होती है।
- खादर के भू-भाग की यह विशेषता है कि यहाँ मिट्टी सदैव पोषक तत्त्वों से भरपूर रहती है।
- नदियों की बाढ़ के साथ बहकर आई मिट्टी इस भू-भाग को पूरी तरह से उपजाऊ बना देती है।