"गीता 5:14": अवतरणों में अंतर
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जो साधक समस्त कर्मों को और कर्म फलों को भगवान् | जो साधक समस्त कर्मों को और कर्म फलों को भगवान् के अर्पण करके कर्म फल से अपना सम्बन्ध विच्छेद कर लेते हैं, उनके शुभाशुभ कर्मों के फल के भागी क्या भगवान् होते हैं ? इस जिज्ञासा पर कहते हैं- | ||
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==संबंधित लेख== | |||
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13:35, 4 जनवरी 2013 के समय का अवतरण
गीता अध्याय-5 श्लोक-14 / Gita Chapter-5 Verse-14
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टीका टिप्पणी और संदर्भसंबंधित लेख |
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