"गीता 14:7": अवतरणों में अंतर
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हे < | हे [[अर्जुन]]<ref>[[महाभारत]] के मुख्य पात्र है। वे [[पाण्डु]] एवं [[कुन्ती]] के तीसरे पुत्र थे। सर्वश्रेष्ठ धनुर्धर के रूप में वे प्रसिद्ध थे। [[द्रोणाचार्य]] के सबसे प्रिय शिष्य भी वही थे। [[द्रौपदी]] को [[स्वयंवर]] में भी उन्होंने ही जीता था।</ref> ! राग रूप रजोगुण को कामना और आसक्ति से उत्पन्न जान। वह इस जीवात्मा को कर्मों के और उनके फल के संबंध से बाँधता है ।।7।। | ||
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Arjuna, know the quality of rajas, which is of the nature of passion, as born of cupidity and attachment. It binds the soul through attachment, to actions and their result. (7) | Arjuna, know the quality of rajas, which is of the nature of passion, as born of cupidity and attachment. It binds the soul through attachment, to actions and their result. (7) | ||
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10:19, 6 जनवरी 2013 के समय का अवतरण
गीता अध्याय-14 श्लोक-7 / Gita Chapter-14 Verse-7
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टीका टिप्पणी और संदर्भसंबंधित लेख |
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