"गीता 16:3": अवतरणों में अंतर
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तेज: = | तेज: = तेज़ ; क्षमा = क्षमा ; धृति: = धैर्य ; अद्रोह: = किसी में भी शत्रुभाव का न होना (और) ; नातिमानिता = अपने में पूज्यता के अभिमान का अभाव ; शौचम् = बाहर भीतर की शुद्धि (एवं) (यह सब तो) ; भारत = हे अर्जुन ; दैवीम् = दैवी ; संपदम् = संपदाको ; अभिजातस्य = प्राप्त हुए पुरुष के लक्षण ; भवन्ति = हैं ; | ||
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11:37, 20 फ़रवरी 2011 का अवतरण
गीता अध्याय-16 श्लोक-3 / Gita Chapter-16 Verse-3
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