"आग्नेय चट्टान": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
(''''आग्नेय चट्टान''' वह चट्टानें हैं, जिनका निर्माण ज्वा...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
No edit summary |
||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
'''आग्नेय चट्टान''' वह चट्टानें हैं, जिनका निर्माण ज्वालामुखी से निकले मैग्मा या लावा से होता है। जब तप्त एवं तरल मैग्मा ठण्डा होकर जम जाता है और ठोस अवस्था को प्राप्त कर लेता है, तो इस प्रकार की चट्टानों का निर्माण होता है। माना जाता है कि [[पृथ्वी ग्रह|पृथ्वी]] की उत्पत्ति के पश्चात सर्वप्रथम इन चट्टानों का ही निर्माण हुआ था। इसीलिए ये चट्टानें 'प्राथमिक चट्टानें' भी कही जाती हैं। | [[चित्र:Igneous-Rock.jpg|thumb|250px|आग्नेय चट्टान]] | ||
'''आग्नेय चट्टान''' वह चट्टानें हैं, जिनका निर्माण [[ज्वालामुखी]] से निकले मैग्मा या लावा से होता है। जब तप्त एवं तरल मैग्मा ठण्डा होकर जम जाता है और ठोस अवस्था को प्राप्त कर लेता है, तो इस प्रकार की चट्टानों का निर्माण होता है। माना जाता है कि [[पृथ्वी ग्रह|पृथ्वी]] की उत्पत्ति के पश्चात सर्वप्रथम इन चट्टानों का ही निर्माण हुआ था। इसीलिए ये चट्टानें 'प्राथमिक चट्टानें' भी कही जाती हैं। | |||
*आग्नेय शब्द लैटिन भाषा के 'इग्निस' से लिया गया है, जिसका सामान्य अर्थ [[अग्नि]] होता है। | *आग्नेय शब्द लैटिन भाषा के 'इग्निस' से लिया गया है, जिसका सामान्य अर्थ [[अग्नि]] होता है। | ||
*आग्नेय चट्टान स्थूल परतरहित, कठोर संघनन एवं जीवाश्मरहित होती हैं। | *आग्नेय चट्टान स्थूल परतरहित, कठोर संघनन एवं जीवाश्मरहित होती हैं। | ||
*ये चट्टानें आर्थिक रूप से बहुत ही सम्पन्न मानी गई हैं। | *ये चट्टानें आर्थिक रूप से बहुत ही सम्पन्न मानी गई हैं। | ||
*इन चट्टानों में चुम्बकीय लोहा, [[निकिल]], [[ताँबा]], [[सीसा]], [[जस्ता]], क्रोमाइट, | *इन चट्टानों में चुम्बकीय लोहा, [[निकिल]], [[ताँबा]], [[सीसा]], [[जस्ता]], [[क्रोमाइट]], [[मैंगनीज]], [[सोना]] तथा [[प्लेटिनम]] आदि पाए जाते हैं। | ||
*[[झारखण्ड]], [[भारत]] में पाया जाने वाला अभ्रक इन्हीं शैलों में मिलता है। | *[[झारखण्ड]], [[भारत]] में पाया जाने वाला अभ्रक इन्हीं शैलों में मिलता है। | ||
*आग्नेय चट्टान कठोर चट्टानें हैं, जो रवेदार तथा दानेदार भी होती है। | *आग्नेय चट्टान कठोर चट्टानें हैं, जो रवेदार तथा दानेदार भी होती है। | ||
पंक्ति 12: | पंक्ति 12: | ||
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | {{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | ||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ||
<references/> | <references/> |
05:47, 11 अगस्त 2012 का अवतरण
आग्नेय चट्टान वह चट्टानें हैं, जिनका निर्माण ज्वालामुखी से निकले मैग्मा या लावा से होता है। जब तप्त एवं तरल मैग्मा ठण्डा होकर जम जाता है और ठोस अवस्था को प्राप्त कर लेता है, तो इस प्रकार की चट्टानों का निर्माण होता है। माना जाता है कि पृथ्वी की उत्पत्ति के पश्चात सर्वप्रथम इन चट्टानों का ही निर्माण हुआ था। इसीलिए ये चट्टानें 'प्राथमिक चट्टानें' भी कही जाती हैं।
- आग्नेय शब्द लैटिन भाषा के 'इग्निस' से लिया गया है, जिसका सामान्य अर्थ अग्नि होता है।
- आग्नेय चट्टान स्थूल परतरहित, कठोर संघनन एवं जीवाश्मरहित होती हैं।
- ये चट्टानें आर्थिक रूप से बहुत ही सम्पन्न मानी गई हैं।
- इन चट्टानों में चुम्बकीय लोहा, निकिल, ताँबा, सीसा, जस्ता, क्रोमाइट, मैंगनीज, सोना तथा प्लेटिनम आदि पाए जाते हैं।
- झारखण्ड, भारत में पाया जाने वाला अभ्रक इन्हीं शैलों में मिलता है।
- आग्नेय चट्टान कठोर चट्टानें हैं, जो रवेदार तथा दानेदार भी होती है।
- इन चट्टानों पर रासायनिक अपक्षय का बहुत कम प्रभाव पड़ता है।
- इनमें किसी भी प्रकार के जीवाश्म नहीं पाए जाते हैं।
- आग्नेय चट्टानों का अधिकांश विस्तार ज्वालामुखी क्षेत्रों में पाया जाता है।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख