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*दु:शला ने जयद्रथ की मृत्यु के | *दु:शला ने जयद्रथ की मृत्यु के पश्चात् अपनी संरक्षता में अपने छोटे बालक 'सुरथ' को सिंहासन पर बैठा दिया। | ||
*[[पांडव|पांडवों]] के [[अश्वमेध यज्ञ]] के समय अर्जुन घोड़ा लेकर जब सिन्धु देश पहुँचे, तब सुरथ भय के कारण ही मर गया। इस स्थिति में दु:शला के पौत्र से अर्जुन का युद्ध हुआ। | *[[पांडव|पांडवों]] के [[अश्वमेध यज्ञ]] के समय अर्जुन घोड़ा लेकर जब सिन्धु देश पहुँचे, तब सुरथ भय के कारण ही मर गया। इस स्थिति में दु:शला के पौत्र से अर्जुन का युद्ध हुआ। | ||
*अर्जुन ने सदा दुर्योधन की बहन को अपनी बहन माना था। अतः वे अपनी बहन के पौत्र और सुरथ के पुत्र को जीवन दान देकर आगे बढ़ गये। सुरथ के पुत्र को अर्जुन ने सिन्धु देश का राजा बना दिया था। | *अर्जुन ने सदा दुर्योधन की बहन को अपनी बहन माना था। अतः वे अपनी बहन के पौत्र और सुरथ के पुत्र को जीवन दान देकर आगे बढ़ गये। सुरथ के पुत्र को अर्जुन ने सिन्धु देश का राजा बना दिया था। |
07:50, 23 जून 2017 के समय का अवतरण
दुःशला महाभारत में राजा धृतराष्ट्र और गांधारी की पुत्री थी। वह दुर्योधन आदि कौरवों की बहन थी। उसका विवाह सिन्धु नरेश जयद्रथ के साथ सम्पन्न हुआ था।
- महाभारत के युद्ध में जयद्रथ का वध अर्जुन द्वारा कुरुक्षेत्र में हो गया था।
- दु:शला ने जयद्रथ की मृत्यु के पश्चात् अपनी संरक्षता में अपने छोटे बालक 'सुरथ' को सिंहासन पर बैठा दिया।
- पांडवों के अश्वमेध यज्ञ के समय अर्जुन घोड़ा लेकर जब सिन्धु देश पहुँचे, तब सुरथ भय के कारण ही मर गया। इस स्थिति में दु:शला के पौत्र से अर्जुन का युद्ध हुआ।
- अर्जुन ने सदा दुर्योधन की बहन को अपनी बहन माना था। अतः वे अपनी बहन के पौत्र और सुरथ के पुत्र को जीवन दान देकर आगे बढ़ गये। सुरथ के पुत्र को अर्जुन ने सिन्धु देश का राजा बना दिया था।
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टीका टिप्पणी
संबंधित लेख
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