टुण्ड्रा

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टुण्ड्रा एक प्रकार का बायोम[1] है। ध्रुवीय क्षेत्र के रेगिस्तान ठंडे होते हैं तथा वर्ष भर बर्फ से ढके रहते हैं। यहाँ वर्षा नगण्य होती है तथा धरती की सतह पर सदैव बर्फ की चादर-सी बिछी रहती है। जिन क्षेत्रों में जमाव बिंदु एक विशेष मौसम में ही होता है, उन ठंडे रेगिस्तानों को ही 'टुण्ड्रा' कहते हैं। यहाँ पूरे वर्ष तापमान शून्य डिग्री सेल्सियस से कम रहता है। ऐसे स्थान सदैव बर्फ आच्छादित रहते हैं।

  • इस क्षेत्र में मुख्य रूप से बौनी झाड़ियाँ, घास, लाइकेन, काई और दलदली पौधे उगते हैं। विश्व के कुछ टुण्ड्रा प्रदेशों में छितरे हुए वृक्ष भी पाये जाते हैं।
  • उत्तरी अमेरिका के टुण्ड्रा निवासियों को 'एस्किमो' तथा यूरेशिया के टुण्ड्रा निवासियों को 'लैप्स', 'फिन' या 'याकूत' कहा जाता है।
  • टुण्ड्रा प्रदेश में उगने वाले वृक्षों की बढोत्तरी कम तापमान और अपेक्षाकृत छोटे मौसम के कारण प्रभावित होती है।
  • इस क्षेत्र के निवासी- लैप, सैमोयेद तथा एस्किमो, अपने भोजन में मछली के अतिरिक्त रेनडीयर के मांस तथा दूध का उपयोग करते हैं।
  • फ़िनिश भाषा से टुण्ड्रा शब्द आया है, जिसका अर्थ होता है- 'ऊँची भूमि' या 'वृक्षविहीन पर्वतीय रास्त'।
  • टुण्ड्रा प्रदेशों के मुख्यत: तीन प्रकार हैं-
  1. आर्कटिक टुण्ड्रा
  2. अल्पाइन टुण्ड्रा
  3. अंटार्कटिक टुण्ड्रा
  • इस इलाके में रेनडीयर, कैरिबो, ध्रुवीय भालू, लोमड़ी, मस्क बैल तथा खरगोश आदि स्थानीय जीव पाये जाते हैं। यहाँ सील, ह्वेल और वालरस आदि जलचर जीव हैं। ग्रीष्म ऋतु में अनेक प्रकार के पक्षी भी यहाँ पाए जाते हैं।
  • यहाँ के निवासी ठंडी हवा से बचने के लिए बिना खिड़कियों और छोटे दरवाजे वाले घर बनाते हैं।
  • टुण्ड्रा निवासी सील मछली की चर्बी जलाकर अपने घरों को गरम रखते हैं।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. ऐसी बड़ा क्षेत्र जहाँ मौसम, भूगोल और वहाँ के निवासियों में समानता हो।

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