क्षेत्रफल में, विश्व का सातवाँ बड़ा देश होने के नाते भारत शेष एशिया से अलग दिखता है जिसकी विशेषता पर्वत और समुद्र ने तय की है और ये इसे विशिष्ट भौगोलिक पहचान देते हैं।
भारत कृषि में आत्मनिर्भर बन चुका है और अब दुनिया के सबसे औद्योगीकृत देशों की श्रेणी में भी इसकी गिनती की जाती है।
भूगोल अनेक विषयों में विभाजित है। जैसे- मानव, वानस्पतिक, कृषि, खनिज आदि...
उत्तर में विशाल पर्वत श्रृंखला हिमालय से घिरा यह कर्क रेखा से आगे संकरा होता जाता है। पूर्व में बंगाल की खाड़ी, पश्चिम में अरब सागर तथा दक्षिण में हिन्द महासागर इसकी सीमा निर्धारित करते हैं।
भारत का क्षेत्रफल 32,87,263 वर्ग कि.मी. है, जो हिमाच्छादित हिमालय की ऊँचाइयों से शुरू होकर दक्षिण के विषुवतीय वर्षा वनों तक फैला हुआ है।
भारतकोश पर लेखों की संख्या प्रतिदिन बढ़ती रहती है जो आप देख रहे वह "प्रारम्भ मात्र" ही है...
भारत की नदियों को चार समूहों में वर्गीकृत किया जा सकता है।
हिमालय से निकलने वाली नदियाँ- ये नदियाँ बर्फ़ और ग्लेशियरों के पिघलने से बनी हैं अत: इनमें पूरे वर्ष के दौरान निरन्तर प्रवाह बना रहता है। इनमें गंगा, सिंधु, ब्रह्मपुत्र प्रमुख हैं।
दक्षिण से निकलने वाली नदियाँ- दक्षिण क्षेत्र में अधिकांश नदी प्रणालियाँ सामान्यत पूर्व दिशा में बहती हैं और बंगाल की खाड़ी में मिल जाती हैं। इनमें गोदावरी, कावेरी नदी, कृष्णा नदी प्रमुख हैं।
तटवर्ती नदियाँ- भारत में कई प्रकार की तटवर्ती नदियाँ हैं जो अपेक्षाकृत छोटी हैं। ऐसी नदियों में काफ़ी कम नदियाँ-पूर्वी तट के डेल्टा के निकट समुद्र में मिलती है, जबकि पश्चिम तट पर ऐसी 600 नदियाँ है।
अंतर्देशीय नालों से द्रोणी क्षेत्र की नदियाँ-राजस्थान में ऐसी कुछ नदियाँ है जो समुद्र में नहीं मिलती हैं। ये खारे झीलों में मिल जाती है और रेत में समाप्त हो जाती हैं जिसकी समुद्र में कोई निकासी नहीं होती है।
भारत की सबसे महत्त्वपूर्ण नदी गंगा, जो भारत में पवित्र मानी जाती है तथा इसकी उपासना माँ और देवी के रूप में की जाती है। .... और पढ़ें