"सामना -अनूप सेठी": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
No edit summary
छो (Text replacement - "==संबंधित लेख==" to "==संबंधित लेख== {{स्वतंत्र लेख}}")
 
(2 सदस्यों द्वारा किए गए बीच के 5 अवतरण नहीं दर्शाए गए)
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
{| style="background:transparent; float:right"
{{स्वतंत्र लेखन नोट}}
{| style="background:transparent; float:right"
|-
|-
|
|
पंक्ति 30: पंक्ति 31:
|}
|}
<div style="height: 250px; overflow:auto; overflow-x: hidden; width:99%">
<div style="height: 250px; overflow:auto; overflow-x: hidden; width:99%">
{{अनूप सेठी की रचनाएँ}}
{{जगत में मेला}}
{{जगत में मेला}}
</div></div>
</div></div>
पंक्ति 48: पंक्ति 48:
बस जबड़े कसके रहो
बस जबड़े कसके रहो
हो तो आंख झपकना मत।
हो तो आंख झपकना मत।
                   (1985)
                   (1985)
</poem>
</poem>
{{Poemclose}}
{{Poemclose}}


 
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक2 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
<references/>
<references/>
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
{{स्वतंत्र लेख}}
{{समकालीन कवि}}
{{समकालीन कवि}}
[[Category:समकालीन साहित्य]]
[[Category:समकालीन साहित्य]]

13:18, 26 जनवरी 2017 के समय का अवतरण

यह लेख स्वतंत्र लेखन श्रेणी का लेख है। इस लेख में प्रयुक्त सामग्री, जैसे कि तथ्य, आँकड़े, विचार, चित्र आदि का, संपूर्ण उत्तरदायित्व इस लेख के लेखक/लेखकों का है भारतकोश का नहीं।
सामना -अनूप सेठी
जगत में मेला' का आवरण चित्र
जगत में मेला' का आवरण चित्र
कवि अनूप सेठी
मूल शीर्षक जगत में मेला
प्रकाशक आधार प्रकाशन प्राइवेट लिमिटेड,एस. सी. एफ. 267, सेक्‍टर 16,पंचकूला - 134113 (हरियाणा)
प्रकाशन तिथि 2002
देश भारत
पृष्ठ: 131
भाषा हिन्दी
विषय कविता
प्रकार काव्य संग्रह
अनूप सेठी की रचनाएँ

दुख का पहाड़ खड़ा है बच्चे !
नन्हे हाथों से कुरेदोगे पहाड़

रत्ती भर खरोंच भी नहीं पाओगे
ज़िंदगी भर काटते रहोगे।

एक आँसू की डली तैरेगी
धुँधली हो के ही फैलेगी सारी दुनिया।

बस जबड़े कसके रहो
हो तो आंख झपकना मत।
                   (1985)


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख

स्वतंत्र लेखन वृक्ष