"मां, हर्पीज़ और आदिम चांदनी -अजेय": अवतरणों में अंतर
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) छो (Text replace - " कायम" to " क़ायम") |
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) छो (Text replacement - " मां " to " माँ ") |
||
(2 सदस्यों द्वारा किए गए बीच के 2 अवतरण नहीं दर्शाए गए) | |||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
{{स्वतंत्र लेखन नोट}} | |||
{| style="background:transparent; float:right" | {| style="background:transparent; float:right" | ||
|- | |- | ||
पंक्ति 88: | पंक्ति 89: | ||
और भीतर का टीस गहराता ही गया है | और भीतर का टीस गहराता ही गया है | ||
मेरी बीमार बूढ़ी | मेरी बीमार बूढ़ी माँ ने दबे पांव कमरे में प्रवेश किया है | ||
मैं अखबारों के नीचे उसके टखनों का घाव देख सकता हूं | मैं अखबारों के नीचे उसके टखनों का घाव देख सकता हूं | ||
मेरी जांघों में असहनीय जलन हो आई है | मेरी जांघों में असहनीय जलन हो आई है | ||
जहां | जहां माँ के जैसे फफोले उग आए हैं | ||
चाँदनी रात का चलता जादू रूक गया है | चाँदनी रात का चलता जादू रूक गया है | ||
बन्जारों का डेरा तिरोहित हो गया है | बन्जारों का डेरा तिरोहित हो गया है | ||
पंक्ति 116: | पंक्ति 117: | ||
<references/> | <references/> | ||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
{{स्वतंत्र लेख}} | |||
{{समकालीन कवि}} | {{समकालीन कवि}} | ||
[[Category:समकालीन साहित्य]][[Category:अजेय]][[Category:कविता]] | [[Category:समकालीन साहित्य]][[Category:अजेय]][[Category:कविता]] |
14:08, 2 जून 2017 के समय का अवतरण
![]() |
यह लेख स्वतंत्र लेखन श्रेणी का लेख है। इस लेख में प्रयुक्त सामग्री, जैसे कि तथ्य, आँकड़े, विचार, चित्र आदि का, संपूर्ण उत्तरदायित्व इस लेख के लेखक/लेखकों का है भारतकोश का नहीं। |
| ||||||||||||||
|
यह कोई आदिम युग ही होगा |
टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख
|