"गीता 14:11": अवतरणों में अंतर
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'''प्रसंग-''' | '''प्रसंग-''' | ||
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इस प्रकार अन्य दो गुणों को दबाकर प्रत्येक गुण के बढ़ने की बात कही | इस प्रकार अन्य दो गुणों को दबाकर प्रत्येक गुण के बढ़ने की बात कही गयी। अब प्रत्येक गुण की वृद्धि के लक्षण जानने की इच्छा होने पर सत्त्वगुण की वृद्धि के लक्षण पहले बतलाये जाते हैं- | ||
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जिस समय इस देह में तथा अन्त:करण और [[इन्द्रियाँ|इन्द्रियों]] में चेतनता और विवेकशक्ति उत्पन्न होती है, उस समय ऐसा जानना चाहिये कि सत्त्वगुण बढ़ा है ।।11।। | |||
जिस समय इस देह में तथा अन्त:करण और इन्द्रियों में चेतनता और विवेकशक्ति उत्पन्न होती है, उस समय ऐसा जानना चाहिये कि सत्त्वगुण बढ़ा है ।।11।। | |||
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When light and discernment dawn in this body, as well as in the mind and senses, then one should know that Sattva is predominant. (11) | When light and discernment dawn in this body, as well as in the mind and senses, then one should know that Sattva is predominant. (11) | ||
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10:24, 6 जनवरी 2013 के समय का अवतरण
गीता अध्याय-14 श्लोक-11 / Gita Chapter-14 Verse-11
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टीका टिप्पणी और संदर्भसंबंधित लेख |
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