"गीता 16:18": अवतरणों में अंतर
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इस प्रकार आसुर- स्वभाव वाले मनुष्यों के यज्ञ का स्वरूप बतलाकर अब उनकी दुर्गति के कारण रूप स्वभाव का वर्णन करते हैं- | इस प्रकार आसुर- स्वभाव वाले मनुष्यों के [[यज्ञ]] का स्वरूप बतलाकर अब उनकी दुर्गति के कारण रूप स्वभाव का वर्णन करते हैं- | ||
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12:18, 6 जनवरी 2013 के समय का अवतरण
गीता अध्याय-16 श्लोक-18 / Gita Chapter-16 Verse-18
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टीका टिप्पणी और संदर्भसंबंधित लेख |
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