"आर्कटिक वेधशाला से कुछ नोट्स -अजेय": अवतरणों में अंतर
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! | ! अजेय की रचनाएँ | ||
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10. | 10. | ||
बर्फ़ पर कोई सिंदूर छिड़क गया है। | |||
28. | 28. | ||
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सूरज हवाएँ पैदा करता है | सूरज हवाएँ पैदा करता है | ||
हवा समुद्र को छेड़ता है | हवा समुद्र को छेड़ता है | ||
समुद्र ने | समुद्र ने बर्फ़ को तोड़ना शुरू कर दिया है | ||
बर्फ़ पिघलते ही हरी काई के फीते तैरने लग जाएगें | |||
29. | 29. | ||
पंक्ति 72: | पंक्ति 73: | ||
बहुत छोटा है उसके लिए | बहुत छोटा है उसके लिए | ||
हारवेस्टिंग का यह मौसम/ फिर भी | हारवेस्टिंग का यह मौसम/ फिर भी | ||
आर्कटिक में भुखमरी | आर्कटिक में भुखमरी नहीं है! | ||
'''तुम्हारा नहीं होना''' | '''तुम्हारा नहीं होना''' | ||
पंक्ति 83: | पंक्ति 84: | ||
रोयेंदार कम्बल की सलवटों डूबा हुआ | रोयेंदार कम्बल की सलवटों डूबा हुआ | ||
टटोलती रहती है जिसमें मेरी उंगलियां | टटोलती रहती है जिसमें मेरी उंगलियां | ||
उन | उन ख़ास चीज़ों को | ||
रात भर साथ रहते हुए भी जो | रात भर साथ रहते हुए भी जो | ||
सुबह अकसर नदारद होती है - | सुबह अकसर नदारद होती है - | ||
पंक्ति 213: | पंक्ति 214: | ||
संतप्त हहराती आकांक्षा | संतप्त हहराती आकांक्षा | ||
भाप सा उड़ जाता था | भाप सा उड़ जाता था | ||
इस | इस महान् पृथ्वी का तरल सौन्दर्य | ||
कि कूच कर जाना था ऐसे ही एक दिन | कि कूच कर जाना था ऐसे ही एक दिन | ||
मुझे | मुझे | ||
पंक्ति 243: | पंक्ति 244: | ||
76. | 76. | ||
ओ वेगवान | ओ वेगवान तूफ़ान | ||
ओ स्थिर जलमग्न हिमखंड ! | ओ स्थिर जलमग्न हिमखंड ! | ||
ओ उफनते समुद्र | ओ उफनते समुद्र | ||
पंक्ति 268: | पंक्ति 269: | ||
<references/> | <references/> | ||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
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{{समकालीन कवि}} | {{समकालीन कवि}} | ||
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14:11, 30 जून 2017 के समय का अवतरण
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सुबह होगी और दिन भर बसंत रहेगा |
टीका टिप्पणी और संदर्भ
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