"गीता 14:3": अवतरणों में अंतर
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'''प्रसंग-''' | '''प्रसंग-''' | ||
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इस प्रकार ज्ञान को फिर से कहने की प्रतिज्ञा करके और उसके | इस प्रकार ज्ञान को फिर से कहने की प्रतिज्ञा करके और उसके महत्त्व का निरूपण करके अब भगवान् उस ज्ञान का वर्णन आरम्भ करते हुए दो श्लोको में प्रकृति और पुरुष से समस्त जगत् की उत्पत्ति बतलाते हैं- | ||
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10:26, 13 मार्च 2011 का अवतरण
गीता अध्याय-14 श्लोक-3 / Gita Chapter-14 Verse-3
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