"गीता 14:9": अवतरणों में अंतर
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हे <balloon link="अर्जुन" title="महाभारत के मुख्य पात्र है। पाण्डु एवं कुन्ती के वह तीसरे पुत्र थे । अर्जुन सबसे अच्छा धनुर्धर था। वो द्रोणाचार्य का शिष्य था। द्रौपदी को स्वयंवर | हे <balloon link="अर्जुन" title="महाभारत के मुख्य पात्र है। पाण्डु एवं कुन्ती के वह तीसरे पुत्र थे । अर्जुन सबसे अच्छा धनुर्धर था। वो द्रोणाचार्य का शिष्य था। द्रौपदी को स्वयंवर में जीतने वाला वो ही था। | ||
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अर्जुन</balloon> ! सत्त्वगुण सुख में लगाता है और रजोगुण कर्म में । तथा तमोगुण तो ज्ञान को ढककर प्रमाद में भी लगाता है ।।9।। | अर्जुन</balloon> ! सत्त्वगुण सुख में लगाता है और रजोगुण कर्म में । तथा तमोगुण तो ज्ञान को ढककर प्रमाद में भी लगाता है ।।9।। |
07:48, 20 फ़रवरी 2011 का अवतरण
गीता अध्याय-14 श्लोक-9 / Gita Chapter-14 Verse-9
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