"गीता 5:16": अवतरणों में अंतर
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) छो (Text replace - "तत्व " to "तत्त्व ") |
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) छो (Text replace - "महत्व" to "महत्त्व") |
||
पंक्ति 9: | पंक्ति 9: | ||
'''प्रसंग-''' | '''प्रसंग-''' | ||
---- | ---- | ||
यथार्थ ज्ञान से परमात्मा की प्राप्ति होती है, यह बात संक्षेप में कहकर अब छब्बीसवें श्लोक तक ज्ञानयोग द्वारा परमात्मा को प्राप्त होने के साधन तथा परमात्मा को प्राप्त सिद्ध पुरुषों के लक्षण, आचरण, | यथार्थ ज्ञान से परमात्मा की प्राप्ति होती है, यह बात संक्षेप में कहकर अब छब्बीसवें श्लोक तक ज्ञानयोग द्वारा परमात्मा को प्राप्त होने के साधन तथा परमात्मा को प्राप्त सिद्ध पुरुषों के लक्षण, आचरण, महत्त्व और स्थिति का वर्णन करने के उद्देश्य से पहले यहाँ ज्ञानयोग के एकान्त साधन द्वारा परमात्मा की प्राप्ति बतलाते हैं- | ||
---- | ---- | ||
<div align="center"> | <div align="center"> |
10:27, 13 मार्च 2011 का अवतरण
गीता अध्याय-5 श्लोक-16 / Gita Chapter-5 Verse-16
|
||||
|
||||
|
||||
|
||||