"गीता 5:22": अवतरणों में अंतर
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विषय भोगों को काम-क्रोधादि के निमित्त से दुख के हेतु बतलाकर अब मनुष्य शरीर का | विषय भोगों को काम-क्रोधादि के निमित्त से दुख के हेतु बतलाकर अब मनुष्य शरीर का महत्त्व दिखलाते हुए भगवान् काम-क्रोधादि दुर्जय शत्रुओं पर विजय प्राप्त कर लेने वाले पुरुष की प्रशंसा करते हैं- | ||
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10:27, 13 मार्च 2011 का अवतरण
गीता अध्याय-5 श्लोक-22 / Gita Chapter-5 Verse-22
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