"मूर्धन्य व्यंजन": अवतरणों में अंतर
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'''मूर्धन्य व्यंजन''' मूर्धा से उच्चारित होने वाले [[व्यंजन (व्याकरण)|व्यंजनों]] को कहा जाता है। जैसे- ट, ठ, ड। | '''मूर्धन्य व्यंजन''' मूर्धा से उच्चारित होने वाले [[व्यंजन (व्याकरण)|व्यंजनों]] को कहा जाता है। जैसे- ट, ठ, ड। | ||
== | ==मूर्धन्य का अर्थ== | ||
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|अर्थ=सिर पर रखने योग्य, श्रेष्ठ, सिर, मस्तक, माथा, शिखर, चोटी। | |अर्थ=सिर पर रखने योग्य, श्रेष्ठ, सिर, मस्तक, माथा, शिखर, चोटी। |