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जूते -अनूप सेठी
जगत में मेला' का आवरण चित्र
जगत में मेला' का आवरण चित्र
कवि अनूप सेठी
मूल शीर्षक जगत में मेला
प्रकाशक आधार प्रकाशन प्राइवेट लिमिटेड, एस. सी. एफ. 267, सेक्‍टर 16, पंचकूला - 134113 (हरियाणा)
प्रकाशन तिथि 2002
देश भारत
पृष्ठ: 131
भाषा हिन्दी
विषय कविता
प्रकार काव्य संग्रह
अनूप सेठी की रचनाएँ

कई हज़ार साल पहले जब एक दिन
किसी ने खाल खींची होगी इंसान की
उसके कुछ ही दिन बाद जूता पहना होगा
धरती की नंगी पीठ पर जूतों के निशान मिलते हैं

नुची हुई देह नीचे दबी होगी
धरती हरियाली का लेप लगाती है

जूते आसमान पाताल खोज आए
जूते की गंध दिमाग तक चढ़ आई है
कई हज़ार साल हो गए
नंगे पैर से टोह नहीं ली किसी ने धरती की


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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