"अंखियां हरि–दरसन की प्यासी -सूरदास" की कड़ियों वाले पृष्ठ
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
नीचे दिए हुए पृष्ठों पर अंखियां हरि–दरसन की प्यासी -सूरदास की कड़ियाँ हैं:
Displayed 50 items.
- जापर दीनानाथ ढरै -सूरदास (← कड़ियाँ)
- नैन भये बोहित के काग -सूरदास (← कड़ियाँ)
- मो परतिग्या रहै कि जाउ -सूरदास (← कड़ियाँ)
- हरि, तुम क्यों न हमारैं आये -सूरदास (← कड़ियाँ)
- गिरि जनि गिरै स्याम के कर तैं -सूरदास (← कड़ियाँ)
- प्रभु, मेरे औगुन चित न धरौ -सूरदास (← कड़ियाँ)
- अब हों नाच्यौ बहुत गोपाल -सूरदास (← कड़ियाँ)
- उपमा हरि तनु देखि लजानी -सूरदास (← कड़ियाँ)
- मोहन केसे हो तुम दानी -सूरदास (← कड़ियाँ)
- ऊधो, हम लायक सिख दीजै -सूरदास (← कड़ियाँ)
- भाव भगति है जाकें -सूरदास (← कड़ियाँ)
- नाथ, अनाथन की सुधि लीजै -सूरदास (← कड़ियाँ)
- हमारे प्रभु, औगुन चित न धरौ -सूरदास (← कड़ियाँ)
- जौलौ सत्य स्वरूप न सूझत -सूरदास (← कड़ियाँ)
- मेरो कान्ह कमलदललोचन -सूरदास (← कड़ियाँ)
- तजौ मन, हरि-बिमुखनि को संग -सूरदास (← कड़ियाँ)
- सकल सुख के कारन -सूरदास (← कड़ियाँ)
- भजु मन चरन संकट-हरन -सूरदास (← कड़ियाँ)
- हम भगतनि के भगत हमारे -सूरदास (← कड़ियाँ)
- मुरली गति बिपरीत कराई -सूरदास (← कड़ियाँ)
- ऊधो, मन माने की बात -सूरदास (← कड़ियाँ)
- राखौ लाज मुरारी -सूरदास (← कड़ियाँ)
- भोरहि सहचरि कातर दिठि -सूरदास (← कड़ियाँ)
- रतन-सौं जनम गँवायौ -सूरदास (← कड़ियाँ)
- रे मन मूरख, जनम गँवायौ -सूरदास (← कड़ियाँ)
- कीजै प्रभु अपने बिरद की लाज -सूरदास (← कड़ियाँ)
- चरन कमल बंदौ हरिराई -सूरदास (← कड़ियाँ)
- तबतें बहुरि न कोऊ आयौ -सूरदास (← कड़ियाँ)
- वृच्छन से मत ले -सूरदास (← कड़ियाँ)
- आई छाक बुलाये स्याम -सूरदास (← कड़ियाँ)
- हरि हरि हरि सुमिरन करौ -सूरदास (← कड़ियाँ)
- मन धन-धाम धरे -सूरदास (← कड़ियाँ)
- प्रीति करि काहू सुख न लह्यो -सूरदास (← कड़ियाँ)
- ऎसी प्रीति की बलि जाऊं -सूरदास (← कड़ियाँ)
- जौ बिधिना अपबस करि पाऊं -सूरदास (← कड़ियाँ)
- मोहिं प्रभु, तुमसों होड़ परी -सूरदास (← कड़ियाँ)
- कहियौ जसुमति की आसीस -सूरदास (← कड़ियाँ)
- मेरो मन अनत कहां सचु पावै -सूरदास (← कड़ियाँ)
- उधो, मन नाहीं दस बीस -सूरदास (← कड़ियाँ)
- सोभित कर नवनीत लिए -सूरदास (← कड़ियाँ)
- तिहारो दरस मोहे भावे -सूरदास (← कड़ियाँ)
- निसिदिन बरसत नैन हमारे -सूरदास (← कड़ियाँ)
- माधवजू, जो जन तैं बिगरै -सूरदास (← कड़ियाँ)
- वा पटपीत की फहरानि -सूरदास (← कड़ियाँ)
- ऊधो, मोहिं ब्रज बिसरत नाहीं -सूरदास (← कड़ियाँ)
- संदेसो दैवकी सों कहियौ -सूरदास (← कड़ियाँ)
- फिर फिर कहा सिखावत बात -सूरदास (← कड़ियाँ)
- खेलत नंद-आंगन गोविन्द -सूरदास (← कड़ियाँ)
- ऐसैं मोहिं और कौन पहिंचानै -सूरदास (← कड़ियाँ)
- रे मन, राम सों करि हेत -सूरदास (← कड़ियाँ)