प्लेट टेक्टोनिक्स
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प्लेट टेक्टोनिक्स सिद्धांत के अनुसार स्थल मण्डल कई दृढ़ प्लेटों के रूप में विभाजित है। ये प्लेटें स्थल मण्डल के नीचे स्थित दुर्बलतामंडल के ऊपर तैर रही है।
प्लेट का नाम | क्षेत्रफल (लाख किमी. में) |
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अफ्रीकी प्लेट | 78.0 |
अंटार्कटिक प्लेट | 60.9 |
इंडो-ऑस्ट्रेलियाई प्लेट | 47.2 |
यूरेशियाई प्लेट | 67.8 |
उत्तरी अमेरिकी प्लेट | 75.9 |
प्रशांत प्लेट | 103.3 |
- इस सिद्धांत के अनुसार भूगर्भ में उत्पन्न ऊष्मीय संवहनीय धाराओं के प्रभाव के अंतर्गत महाद्वीपीय और महासागरीय प्लेटें विभिन्न दिशाओं में विस्थापित होती रहती है।
- इन स्थलमंडलीय प्लेटों के इस संचलन को महाद्वीपों तथा महासागरों के वर्तमान वितरण के लिए उत्तरदायी माना जाता है। जहां दो प्लेटें वपरीत दिशाओं में अपसरित होती है उन किनारों को रचनात्मक प्लेट किनारा या अपसारी सीमांत कहते हैं। जब दो प्लेटें आमने-सामने अभिसरित होती है तो इन्हें विनाशशील प्लेट किनारे अथवा अभिसारी सीमांत कहते हैं।
- प्लेट टेक्टोनिक्स महाद्वीपों और महासागरों के वितरण को स्पष्ट करने के लिए यह सबसे नवीन सिद्धांत है।
- सबसे पुरानी महासागरीय भूपर्पटी पश्चिमी प्रशांत में स्थित है।
- इसकी अनुमानित आयु 20 करोड़ वर्ष है।
- अन्य प्रमुख प्लेटों में भारतीय प्लेट, अरब प्लेट, कैरेबियाई प्लेट, दक्षिणी अमेरिका के पश्चिमी तट पर स्थित नाज्का प्लेट और दक्षिणी अटलांटिक महासागर की स्कॉटिया प्लेट शामिल है। लगभग 5 से 5.5 करोड़ वर्ष पूर्व भारतीय व ऑस्ट्रेलियाई प्लेटें एक थी।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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