हे <balloon link="अर्जुन" title="महाभारत के मुख्य पात्र है। पाण्डु एवं कुन्ती के वह तीसरे पुत्र थे । अर्जुन सबसे अच्छा धनुर्धर था। वो द्रोणाचार्य का शिष्य था। द्रौपदी को स्वयंवर में जीतने वाला वो ही था।
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अर्जुन</balloon> ! सत्त्वगुण सुख में लगाता है और रजोगुण कर्म में । तथा तमोगुण तो ज्ञान को ढककर प्रमाद में भी लगाता है ।।9।।
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Sattava drives one to joy, and rajas to action; while tamas, clouding wisdom, incites one to errer as well as sleep and sloth. (9)
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