अंशुमती नदी

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें

ऋग्वेद[1] में वर्णित एक नदी- 'अव द्रप्सो अंशुमती मतिष्ठदियान: कृष्णो दशभि: सहस्त्रै: आवत्तमिन्द: शच्याधमन्तमप स्नेहितीर्नुमणा अधत्त। द्रप्समपश्यं विषुणो चरन्तमुपह्वरे नद्यो अंशुमत्या:। नभो न कृष्णम वतस्थिवांसमिष्यामि वो वृषणो युध्यताजो।'

  • भावार्थ यह है कि अंशुमती के तट पर इंद्र ने किसी कृष्ण नामक व्यक्ति को दस सहस्त्र योद्धाओं के साथ लड़ाई में हराया था।
  • डॉ. भंडारकर के मत में अंशुमती यहाँ यमुना को ही कहा गया है और कृष्ण महाभारत के कृष्ण ही हैं।
  • संभव है, वैष्णव धर्म के उत्कर्षकाल में इसी वैदिक कथा के विपर्यय-रूप में श्रीमद्भागवत, विष्णुपुराण तथा अन्यत्र वर्णित वह कथा प्रचलित हुई जिसके अनुसार कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत धारण करके इन्द्र को पराजित किया था।


टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. ऋग्वेद 8,96, 13-14

संबंधित लेख